Singer Shubha Mudgal क्लासिक के साथ पॉप म्यूज़िक भी इस नफासत से गाती हैं कि हमारा दिल उनकी गायकी की रौ में बह जाता है

Singer Shubha Mudgal
न्याजिया बेग़म 
Singer Shubha Mudgal: अली मोरे अंगना दरस दिखा ,अब के सावन ऐसे बरसे या प्यार के गीत सुना जा रे इन गीतों को ग़ौर से सुनिए एक अलग आवाज़ के साथ एक मुख्तलिफ जोश भी महसूस होगा आपको हालांकि ये तीनों गाने अलग मूड के हैं फिर भी हर रंग बड़ी रूहानियत के साथ हमारे दिल में दस्तक देता है एक अली की आमद की सूफी सदा है दूसरी सावन की घटा है और तीसरे गाने में पिया मिलन की आस है, जी हां हम बात कर रहे हैं शुभा मुद्गल की जो हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत, खयाल, ठुमरी, दादरा तो गाती ही हैं साथ ही पॉप म्यूज़िक भी वो इस नफासत से पुरकाशिश अंदाज़ में गाती हैं कि हमारा दिल उनकी गायकी की रौ में बह जाता है। अपनी इसी खासियत के साथ वो कई एल्बम भी लाती रहती हैं जिनमें उन्हें १९९६ में सर्वश्रेष्ठ ग़ैर-फीचर फिल्म संगीत निर्देशन का नेशनल अवार्ड अमृत बीज के लिये मिला था। 


१९९८ में संगीत में विशेष योगदान हेतु गोल्ड प्लाक अवार्ड, ३४वें शिकागो अंतर्राष्ट्रीय फिल्म उत्सव में उनकी फिल्म डांस ऑफ द विंड (१९९७) के लिये मिला था। इसके अलावा उन्हें २००० में पद्मश्री भी मिल चुका है। वो इलाहाबाद की रहने वाली हैं और उनके माता-पिता, स्कंद गुप्ता और जया गुप्ता, दोनों इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अंग्रेजी साहित्य के प्रोफेसर थे , और दोनों की हिंदुस्तानी शास्त्रीय नृत्य संगीत में गहरी रुचि थी इसलिए उन्होंने बचपन में उन्हें और उनकी बहन को कथक सीखने के लिए डांस क्लास में भेजा लेकिन उन्हें डांस में कुछ खास दिलचस्पी नहीं थी और जब उनसे पूछा गया कि “आप किस घराने का कथक नाचती हैं?” तो शुभा जी ने जवाब दिया “हम अपने घराने का कथक नाचते हैं”। खैर ये तो उनका बचपना था लेकिन ये साबित हो गया कि वो बचपन से ही अपनी एक अलग शैली बनाना चाहती थी उनके पहले पारंपरिक शिक्षक (गुरु) इलाहाबाद में रामाश्रय झा थे । इंटर कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद शुभा नई दिल्ली चली गईं और स्नातक की पढ़ाई के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिला लिया। दिल्ली में, उन्होंने विनय चंद्र मौद्गल्या के अधीन अपनी संगीत की शिक्षा जारी रखी, वो गंधर्व महाविद्यालय के संस्थापक भी थे , एक उत्कृष्ट शास्त्रीय संगीतकार होने के अलावा, मौद्गल्या एक निपुण गीतकार भी थे, जिन्होंने “हिंद देश के निवासी” गीत लिखा था, जिसका इस्तेमाल विजया मुले की एनीमेशन फिल्म एक अनेक और एकता में किया गया था ।


आपके और गुरुओं की बात करें तो उनमें नाम आता है वसंत ठाकर ,जितेंद्र अभिषेकी , नैना देवी और कुमार गंधर्व का ।
इन सब से संगीत सीखने के बाद शुभा मुद्गल ने 1980 के दशक से हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायिका के रूप में प्रस्तुतियां देना शुरू कर किया और एक प्रतिभाशाली गायिका के रूप में प्रतिष्ठा प्राप्त की। वो 90 के दशक से पॉप और फ्यूजन किस्मों सहित संगीत के कई नए रूप हमारे सामने लाने लगीं थीं और इस बारे में वो कहती हैं, कि”मैं संगीत में विश्वास करती हूं। ख्याल और ठुमरी मेरे पसंदीदा हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि मुझे अन्य रूपों के साथ प्रयोग नहीं करना चाहिए। मुझे अपनी संगीत संबंधी इच्छाओं को क्यों कम करना चाहिए? ….. मैं अपने अंदर के कलाकार को बाहर आने देना चाहती हूं। और यदि आप एक गायक हैं, तो आप कैसे कह सकते हैं, कि मै किसी विशिष्ट भाव की कविता गाऊंगा या नहीं गाऊंगा ।” ‘ अपनी रिकॉर्डिंग और संगीत कार्यक्रमों के अलावा, उन्होंने कुछ समय के लिए रागसंगीत डॉट कॉम नामक एक वेबसाइट भी चलाई, जिसका उद्देश्य भारतीय शास्त्रीय संगीत के प्रेमियों को आकर्षित करना था।


मुद्गल ने कैलाश खेर के साथ स्टार प्लस के धारावाहिक दीया और बाती हम का शीर्षक गीत गाया । उन्होंने फिल्म मिस्टिक इंडिया के साउंडट्रैक पर भी गाया। गाने के अलावा साल उन्हें लिखने का भी शौक है और इसका पता हमें जब चला जब साल ,
2019 में, वो अपनी पहली पुस्तक ‘लुकिंग फॉर मिस सरगम: स्टोरीज़ ऑफ़ म्यूज़िक एंड मिसएडवेंचर’ के साथ एक फिक्शन लेखिका भी बन गईं। दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक करने के कुछ समय बाद ही उन्होंने 1982 में अपने गुरु विनय चंद्र मौद्गल्य के बेटे मुकुल मुदगल से विवाह कर लिया । उनके पति भी , एक कुशल संगीतकार थे, पर उन्होंने संगीत को पेशे के रूप में नहीं अपनाया और वकील व न्यायविद बन गए। पर जाने क्या बात थी कि दो संगीत के ज्ञाता एक साथ ज्यादा दूर तक नहीं चल पाए यह विवाह ज़्यादा दिन नहीं चला आप दोनों का एक बेटा है, धवल मुदगल जो दिल्ली के बैंड हाफ स्टेप डाउन में लीड सिंगर है, बाद में शुभा मुद्गल जी ने तबला वादक अनीश प्रधान से शादी कर ली , और आज भी गा रहीं हैं,आप उनके इस दिलकश अंदाज़ की गायकी का आनंद कुछ और एल्बमों के ज़रिए ले सकते हैं जिनके नाम हैं :- क्लासिकली योर्स , मन की मंजीरी, किस्सों की चादर, शुभ दीपावली ,आनंद मंगल,जागृति, जहान-ए-ख़ुसरो ,नो स्ट्रेंजर हियर उन्होंने कुछ लोकप्रिय तमिल गाने भी गाए हैं ,वो इसी तरह गाती रहें मुस्कुराती रहें हार्दिक शुभकामनाएं।

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