नाज़िया बेग़म
Singer Nitin Mukesh Birthday: जब हम ज़िंदगी गुज़ारने के सलीके पर ज़रा ग़ौर करते हैं तो एक गीत हमेशा हमें राह दिखाता जो एकदम सादगी भरी आवाज़ में सीधा हमारे दिल पर दस्तक देता है जी हां ‘ हंसते हंसते कट जाए रास्ते ज़िंदगी यूं ही चलती रहे …’ और ये आवाज़ इतनी मुख्तलिफ है कि जब भी हम उसे सुनते हैं झट से पहचान जाते हैं और दिल में उतर जाने का ये माद्दा भी हर दफा सुनने पर बरक़रार रहता है फिर चाहे नसीहत कोई भी हो जैसे ,’ज़िंदगी की न टूटे लड़ी,प्यार कर ले घड़ी दो घड़ी..’,या ‘ वो कहते हैं हमसे अभी उमर नही है प्यार की नादां हैं वो क्या जाए कब कली खिली बहार की ….’
‘ जिंदगी हर क़दम इक नई जंग है…’
‘ आजा रे ओ मेरे दिलबर आजा …’
‘ सो गया ये जहां सो गया आसमां …’
सुख की अनुभूति कराती है आवाज़
हमें यक़ीन है कि इन गीतों को गुनगुनाते हुए आप नितिन मुकेश की मखमली आवाज़ को बखूबी पहचान गए होंगे जिनकी आवाज़ अपने पिता और महान गायक मुकेश चंद्र माथुर की तरह पुरकशिश है जो न केवल फिल्मी गीतों में मन मोह लेती है बल्कि भजनों में भी सुख की अनुभूति कराती है। वो 1980 से 90 के दशक तक कई अभिनेताओं की पसंदीदा आवाज़ बनके फिल्म जगत में छाए रहे और उस वक्त के क़रीब क़रीब सभी गायक गायिकाओं के साथ सुर मिलाए जिनमें गीत ‘ चना जोर गरम बाबू , माई नेम इज़ लखन , तू मुझे सुना मै तुझे सुनाऊं अपनी प्रेम कहानी ‘आज भी संगीत प्रेमियों के लिए अनमोल नगमों में शुमार हैं,
1970 फिल्मी करियर की शुरुआत
उन्होंने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1970 के आखिर में की और बहोत जल्द सभी के चहीते गायक बन गए और जब हीरो को मुख्तलिफ अंदाज़ देने की बात आती तो वो नितिन मुकेश की आवाज़ ही थी जो बड़ी सादगी से मासूमियत के साथ ये कमाल भी कर जाती , इस तरह उनकी आवाज़ हर दिल को भाने लगी । 27 जून 1950 को जन्में नितिन मुकेश आज भी सुर साधना में लीन हैं और उनके बेटे नील नितिन मुकेश फिल्मों को अपने अभिनय से रौशन कर रहे हैं।