गुजरात के कच्छ जिले में भुज के पास ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (Operation Sindoor) के सम्मान में एक अनोखा स्मारक, ‘सिंदूर वन’, (Sindoor Van) बनाया जाएगा। गुजरात सरकार ने इस 20 एकड़ के माइक्रो-फॉरेस्ट प्रोजेक्ट की घोषणा की है, जो भारतीय सशस्त्र बलों की वीरता और 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान भुज हवाई अड्डे की मरम्मत में स्थानीय लोगों, विशेष रूप से मधापर के निवासियों, के योगदान को श्रद्धांजलि देगा। यह वन भुज-मांडवी रोड पर मिर्जापुर गांव के पास उस स्थान पर बनाया जाएगा, जहां हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने एक जनसभा को संबोधित किया था।
‘सिंदूर वन’ की विशेषताएं
‘सिंदूर वन’ ऑपरेशन सिंदूर की थीम पर आधारित होगा, जिसे 7 मई 2025 को पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। इस वन में 35 से अधिक पेड़ों की प्रजातियां लगाई जाएंगी, जिसमें सिंदूर के पौधे शामिल होंगे। इसके अलावा, पर्यटक यहां राफेल, एस-400 मिसाइल सिस्टम, ब्रह्मोस मिसाइल, और आईएनएस विक्रांत जैसी रक्षा उपकरणों की प्रतिकृतियां देख सकेंगे। वन को पांच खंडों में बांटा जाएगा, जो भारतीय सेना, वायुसेना, नौसेना, बीएसएफ, और पहलगाम हमले के 27 शहीदों को समर्पित होंगे। प्रत्येक हेक्टेयर में 10,000 पौधे रोपे जाएंगे, जो इसे एक घने माइक्रो-फॉरेस्ट के रूप में स्थापित करेगा।
ऑपरेशन सिंदूर का महत्व
ऑपरेशन सिंदूर को भारत के सबसे सफल आतंकवाद-रोधी अभियानों में से एक माना जा रहा है। यह ऑपरेशन पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया था, जिसमें भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट किया था। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे “ट्रेलर” करार देते हुए कहा था कि “पूरी पिक्चर अभी बाकी है।”
कच्छ के लिए पर्यटन का नया आकर्षण
‘सिंदूर वन’ न केवल एक स्मारक होगा, बल्कि कच्छ के पर्यटन को भी बढ़ावा देगा। यह वन देशभक्ति और सैन्य शौर्य को प्रदर्शित करने वाला एक अनोखा केंद्र होगा, जहां युद्ध डियोरामा और रक्षा उपकरणों के मॉडल आगंतुकों को आकर्षित करेंगे। यह प्रोजेक्ट ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सशस्त्र बलों की बहादुरी और कच्छ के लोगों के योगदान को अमर बनाने का प्रयास है।
‘सिंदूर वन’ भारत की सैन्य शक्ति, सांस्कृतिक मूल्यों और राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक होगा। यह न केवल ऑपरेशन सिंदूर के शहीदों को श्रद्धांजलि देगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को देशभक्ति और बलिदान की भावना से प्रेरित करेगा। गुजरात सरकार का यह कदम कच्छ को पर्यटन और सैन्य इतिहास के नक्शे पर एक नया स्थान दिलाएगा।