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भारत का राज्य ‘सिक्किम’ जहाँ नहीं लगता कोई आयकर

Sikkim Tax Free State Of India: भारत एक ऐसा देश है जहां कराधान (टैक्सेशन) अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। केंद्र और राज्य सरकारें विभिन्न प्रकार के कर जैसे आयकर, वस्तु एवं सेवा कर (GST), संपत्ति कर, और अन्य करों के माध्यम से राजस्व जुटाती हैं। हालांकि, भारत का एकमात्र ऐसा राज्य है जहां कुछ खास परिस्थितियों में आयकर से छूट दी जाती है, और वह राज्य है सिक्किम।

आखिर क्यों मिली सिक्किम में आयकर छूट

सिक्किम जो भारत का एक छोटा सा पहाड़ी राज्य है, 1975 में भारत गणराज्य का हिस्सा बना। उस समय तक सिक्किम एक स्वतंत्र रियासत था, जिसका अपना शासन और कर प्रणाली थी। जब सिक्किम का भारत में विलय हुआ, तो भारत सरकार ने सिक्किम के लोगों को उनकी सांस्कृतिक और आर्थिक विशिष्टताओं को बनाए रखने का आश्वासन दिया। इसी के तहत सिक्किम के मूल निवासियों को आयकर से छूट प्रदान करने का प्रावधान किया गया। यह छूट आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 10c(26AAA) के तहत लागू की गई। इस धारा के अनुसार सिक्किम के उन निवासियों को आयकर से छूट प्राप्त है, जो 26 अप्रैल 1975 यानि सिक्किम के भारत में विलय की तारीख से पहले सिक्किम के स्थायी निवासी थे या उनके वंशज हैं। इस छूट के लिए पात्रता का आधार सिक्किम सब्जेक्ट सर्टिफिकेट या सर्टिफिकेट ऑफ आइडेंटिफिकेशन है, जो सिक्किम सरकार द्वारा जारी किया जाता है।

सिक्किम में आयकर छूट की पात्रता

किस स्थिति में लागू नहीं होता यह नियम

यह छूट केवल सिक्किम में अर्जित आय पर लागू होती है। यदि कोई सिक्किमी निवासी भारत के अन्य हिस्सों या विदेशों में आय अर्जित करता है, तो उस आय पर सामान्य आयकर नियम लागू हो सकते हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह छूट केवल सिक्किम के मूल निवासियों के लिए है। जो लोग बाद में सिक्किम में बसे हैं या जिनके पास सिक्किम सब्जेक्ट सर्टिफिकेट नहीं है, उन्हें आयकर का भुगतान करना पड़ता है।

अन्य कर लागू होते हैं

हालांकि सिक्किम में मूल निवासियों को आयकर से भले ही छूट प्राप्त है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि सिक्किम में कोई अन्य कर लागू नहीं होता।

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