Side Effects Of Work Load: क्या आपने कभी सोचा है कि वर्क लोड (Work Load) किसी की जान लेने के लिए जिम्मेदार हो सकता है?हाल ही में पुणे में सामने आए एक मामले से पहले शायद ही किसी ने टॉक्सिक वर्क कल्चर (Toxic Work Culture) को इतना सीरियसली लिया होगा। दरअसल, महाराष्ट्र के पुणे में 26 साल की चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) एना सेबेस्टियन की कथित तौर पर ‘वर्क लोड’ की वजह से मौत हो गई।
लड़की की मां ने अपने एक पत्र में खुलासा किया कि उनकी बेटी की मौत काम के बोझ के चलते हुई। बताया जा रहा है कि एना को हार्ट अटैक (Heart Attack) आया था। कार्डिएक अरेस्ट से हुई मौत ने कॉर्पोरेट वर्क कल्चर पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इसलिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह आप वर्क लोड से सुरक्षित रह सकते हैं।
वर्क लोड से होने वाली छति
हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसा नहीं है कि वर्क लोड से किसी की जान चली जाए। लेकिन तनाव या दूसरे कारण बनकर जान जरूर ले सकती है। लंबे समय तक बैठकर काम करने या वर्क लोड की वजह से शारीरिक और मानसिक हेल्थ पर बुरा प्रभाव पड़ता है। काम के दबाव के चलते कर्मचारी को एंग्जाइटी, स्ट्रेस जैसी समस्याएं हो सकती हैं, जो लंबे समय तक रहने से डिप्रेशन में बदल सकती हैं। एक स्टडी के मुताबिक, आज के दौर में कॉर्पोरेट सेक्टर में कर्मचारियों की मेंटल हेल्थ (Mental Health) एक बड़ा कंसर्न है। एम्प्लॉइज कॉम्पिटिशन और वर्कलोड के वजह से कई तरह की मानसिक समस्याओं से जूझ रहे हैं।
वर्क लोड बढ़ने से दिमाग में स्ट्रेस बढ़ता है, जिससे शरीर में कार्टिसोल नामक स्ट्रेस हार्मोन रिलीज होने लगते हैं। यह हार्मोन धीरे-धीरे दिल को बीमार बना देता है। लंबे समय से वर्क लोड झेल रहे व्यक्ति को कार्डियोवेस्कुलर से जुड़ी दिक्कत हो सकती है। इसके अलावा दिन में अधिक घंटे और ज्यादा देर तक एक ही जगह पर बैठकर काम करने से बीपी, हाई कॉलेस्ट्रॉल, कैंसर, वजन बढ़ना, मोटापा, कमर दर्द, गठिया रोग भी हो सकता है। बीपी और कॉलेस्ट्रॉल जैसी दिक्कतें बढ़ने से दिल का दौरा पड़ने का भी खतरा रहता है।
कैसे करें वर्क लोड को मैनेज?
अगर आप वर्क लोड को मैनेज नहीं कर पाते हैं तो जरूरी है कि हर दिन अपना टू-डू लिस्ट तैयार कर लें। इसमें आपको कौन-कौन से काम आज की तारीख में निपटाने हैं, उनके बारे में लिखें और एक-एक करके उन्हें पूरा करने की कोशिश करें। वर्क लोड को मैनेज करने के लिए जरूरी है कि आप अपने लिए रियलिस्टिक गोल सेट करें। असंभव गोल सेट करने से तनाव बढ़ता है। इसलिए छोटे-छोटे लक्ष्य बनाएं।
- सुबह जल्दी उठने की आदत डालें।
- अपने ऑफिस टाइम से पहुंचें और समय से घर आएं।
- टाइम से सोने की आदत बनाएं।
- एक्सरसाइज और ध्यान करें।
- इसके अलावा अच्छी डाइट भी आपको फिट और हैल्थी रखने में मदद करेगी।