Health News: आजकल बिना मोज़े के जूते पहनना मानों ट्रेंड सा बनता जा रहा है। खासतौर से यंग जेनरेशन तो सॉक्स पहनने से परहेज ही करने लगी है। बस जूतों में फटाफट पैर डाले और चलते बने। हो सकता है ये आजकल का ट्रेंड हो और शायद देखने में भी लोगों को स्टाइलिश लगता हो लेकिन क्या ये सेफ है? आप सोच रहे होंगे कि भला इसमें सेफ्टी वाली बात क्या है?
यकीनन बिना सॉक्स के जूते पहनना बिल्कुल नॉर्मल है लेकिन इसके कई साइड इफेक्ट्स भी देखने को मिल सकते हैं। ऐसे में अगर आप रोजाना यूं ही जूतों में पैर फसाएं निकल पड़ते हैं तो जरा संभल जाइये ज़रा एक नज़र इसके साइड इफेक्ट्स के बारे में भी जान लें। ताकि कभी आपको ऐसा कुछ लगे तो आप समझ जाएं कि ये आपके सॉक्स ना पहनने का नतीजा है।
फंगल इन्फेक्शन का खतरा
लंबे समय तक शूज पहने रहने पर पैरों में पसीना आना नॉर्मल है। सॉक्स इसी पसीने को सोखकर पैरों को सूखा रखने का काम करते हैं। लेकिन जब आप बिना सॉक्स के जूते पहन लेते हैं तब पैरों में देर तक नमी बनी रहती है, जिसकी वजह से बैक्टीरिया और फंगस पनपने का खतरा बढ़ जाता है। इससे बैक्टीरियल और फंगल इन्फेक्शन से होने वाली बीमारी एथलीट फुट इन्फेक्शन जैसी बीमारियां होने के भी आसार रहते हैं।
पैरों में होने लगते हैं छालें
सॉक्स, पैरों और शूज के बीच सुरक्षा कवच का काम करते हैं। ऐसे में लंबे समय तक बिना सॉक्स के शूज पहन कर चलने या दौड़ने पर पैरों में छाले पड़ सकते हैं, जिसमें जलन और इचिंग की प्रॉब्लम भी हो सकती है। इसके अलावा कई बार जूते टाइट होते हैं, जिससे पैरों में घाव होने का खतरा बढ़ जाता है। टाइट जूतों के अंदर सॉक्स पहनने से इस प्रॉब्लम को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
पैरों की स्किन हो जाती है सेंसिटिव
लंबे समय तक बिना सॉक्स के शूज पहनने से पैरों में नमी और फ्रिक्शन की वजह से, स्किन इन्फेक्शन हो सकता है। इस इंफेक्शन के बढ़ने पर सेल्युलाइटिस जैसी गंभीर प्रॉब्लम तक भी हो सकती है। अगर शुरुवात में इस समस्या पर ध्यान ना दिया गया तो बाद में ये क्रिटिकल मेडिकल कंडीशन पैदा कर सकती है | इसलिए अगर आपके पैरों में भी कोई इन्फेक्शन ज्यादा दिन तक रहे तो उसे तुरंत डॉक्टर को दिखाना ना भूलें।