Shubhnshu Shukla Axiom-4 mission: भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, जिन्होंने एक्सियम-4 (Ax-4) मिशन के तहत इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर ऐतिहासिक यात्रा की, आज शाम 4:45 बजे IST पर पृथ्वी के लिए अपनी वापसी यात्रा शुरू कर चुके हैं। यह मिशन भारत के लिए गौरव का क्षण है, क्योंकि 41 साल बाद कोई भारतीय अंतरिक्ष में गया और अब वह धरती पर लौट रहा है। शुभांशु का स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल 23 घंटे के सफर के बाद 15 जुलाई 2025 को दोपहर करीब 3:00 बजे IST पर कैलिफोर्निया के तट के पास अटलांटिक महासागर में स्प्लैशडाउन करेगा।
ऐतिहासिक मिशन पर थे शुभांशु
शुभांशु शुक्ला, एक्सियम-4 के मिशन में थे, यह एक प्राइवेट फ्लाइट मिशन है। जो अमेरिकी स्पेस कंपनी एक्सएम, स्पेसएक्स, नासा और इसरो की साझेदारी से हो रहा है। भारत ने इस मिशन में एक सीट के लिए 548 करोड़ रुपए दिए हैं। शुभांशु शुक्ला ने ISS पर 18 दिन बिताए, जहां उन्होंने विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोगों में हिस्सा लिया। इस मिशन में उनके साथ तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री थे और उन्होंने 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोगों को अंजाम दिया। इन प्रयोगों में माइक्रोग्रैविटी में सामग्री विज्ञान, जैव प्रौद्योगिकी, और मानव शरीर पर अंतरिक्ष के प्रभाव से संबंधित अध्ययन शामिल थे।
भारत के गगनयान मिशन के लिए महत्वपूर्ण
उनके द्वारा एकत्र किया गया डेटा, भारत के महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन के लिए महत्वपूर्ण होगा, जो 2027 में भारत का पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन होगा। शुभांशु का यह मिशन न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नया अध्याय भी जोड़ता है। 1984 में राकेश शर्मा के बाद शुभांशु पहले भारतीय हैं, जिन्होंने अंतरिक्ष में कदम रखा। उनकी यह उपलब्धि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन और नासा के बीच बढ़ते सहयोग के कारण है।
वापसी की प्रक्रिया
स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल, जिसमें शुभांशु और उनके सहयोगी सवार होंगे, 263 किलोग्राम से अधिक कार्गो, नासा के हार्डवेयर, और वैज्ञानिक प्रयोगों के डेटा के साथ पृथ्वी पर लौटेगा। यह कैप्सूल अत्याधुनिक तकनीक से लैस है, जो अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करता है। कैलिफोर्निया के तट पर उतरने के बाद, नासा और स्पेसएक्स की टीमें अंतरिक्ष यात्रियों को रिकवर करेंगी और कार्गो को आगे की जांच के लिए ले जाएंगी।
भारत के लिए गर्व का पल
शुभांशु की यह यात्रा, भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक मील का पत्थर है। उनकी वापसी न केवल एक अंतरिक्ष यात्री की उपलब्धि है, बल्कि यह भारत की युवा पीढ़ी को विज्ञान और अंतरिक्ष अनुसंधान की ओर प्रेरित करने का अवसर भी है। ISRO के अध्यक्ष ने इस मिशन को भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं का एक और कदम बताया है। शुभांशु ने ISS से अपने संदेश में कहा था- “यह मेरे लिए सम्मान की बात है कि मैं भारत का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं। यह मिशन हमारे देश के लिए एक नई शुरुआत है।”