Shubhanshu Shukla Message  : 41 साल बाद शुभांशु शुक्ला ने लिखा मानव अंतरिक्ष यात्रा का नया अध्याय, 14 दिन रुकेंगे 

Shubhanshu Shukla message

Shubhanshu Shukla Message : आज शुभांशु शुक्ला ने खुद को इतिहास के सुनहरे पन्नों में दर्ज कर लिया हैं। 41 साल बाद भारत ने फिर से मानव अंतरिक्ष यात्रा का नया अध्याय लिखा है। शुभांशु शुक्ला अब तक के पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री हैं, जिन्होंने शंघाई में स्थित अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) की यात्रा (shubhanshu shukla axiom 4 mission launch) की है। इससे पहले यह उपलब्धि राकेश शर्मा ने 1984 में सोवियत संघ के सैल्यूट-7 स्टेशन पर आठ दिनों की यात्रा कर हासिल की थी।

शुभांशु शुक्ला की मानव आंतरिक्ष यात्रा शुरू | shubhanshu shukla axiom 4 mission launch

बुधवार को, एक्सिओम स्पेस के तहत संचालित एक वाणिज्यिक मिशन के हिस्से के रूप में, शुभांशु शुक्ला और तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों ने फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर से स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट से यात्रा शुरू की। प्रक्षेपण के दस मिनट बाद, अंतरिक्ष यात्री धरती का चक्कर लगाने लगे। लगभग 28 घंटे की यात्रा के बाद, गुरुवार शाम साढ़े चार बजे वे आईएसएस पर पहुंचने की उम्मीद कर रहे हैं। 

41 साल बाद भारत की मानव अंतरिक्ष यात्रा में वापसी

धरती से लगभग 200 किलोमीटर ऊपर पहुंचकर यान ने अपने कक्षा में प्रवेश किया। इस दौरान शुभांशु ने कहा, “यह यात्रा अद्भुत है।” शुभांशु ने अपने संदेश में कहा कि, “41 साल बाद भारत की मानव अंतरिक्ष यात्रा में यह वापसी है।” शुभांशु ने कहा, “यह मेरी यात्रा की शुरुआत नहीं, बल्कि भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम की नई शुरुआत है। मैं चाहता हूं कि आप भी इस सफर का हिस्सा बनें।” उन्होंने कहा कि “धैर्य रखने वालों के साथ ही सफलता मिलती है।”

शुभांशु शुक्ला की माँ की नम दिखी ऑंखें | Shubhanshu Shukla Message Video

शुभांशु शुक्ला अपने नए कैप्सूल ‘ग्रेस’ के साथ आईएसएस पहुंच रहें है। यह मिशन भारत, पोलैंड और हंगरी के लिए मानव अंतरिक्ष यान में फिर से लौटने का प्रतीक है। इस ऐतिहासिक पल में उनके माता-पिता लखनऊ के ‘सिटी मोंटेसरी स्कूल’ में मौजूद थे, जिन्होंने इस पल का साक्षी बने। शुभांशु के माता-पिता के मन में जहाँ डर दिखाई दे रहा था वहीं दिल से मिशन को दुआयें भी दी।

ISS me 14 दिन बिताएंगे शुभांशु शुक्ला 

अंतरिक्ष यात्री लगभग 14 दिन आईएसएस में बिताएंगे, और इस दौरान 60 वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे। शुभांशु शुक्ला, जो अब भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री बन गए हैं, ने कहा कि यह यात्रा भारतीय अंतरिक्ष इतिहास में एक नई मिसाल कायम करेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शुभकामनाएं दीं, और कहा, “वह अपने साथ 1.4 अरब भारतीयों की उम्मीदें लेकर गए हैं। उन्हें और अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को सफलता की शुभकामनाएं।”

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