Shri Krishna Janmashtami Tulasi Puja Upay: हिंदू धर्म में तुलसी का स्थान और अद्वितीय माना जाता है। देवी तुलसी को कृष्णप्रिया भी कहा जाता है क्योंकि विष्णु को तुलसी अत्यधिक प्रिय है और श्री कृष्ण विष्णु के अवतार है ऐसे में तुलसी माता का दूसरा नाम कृष्ण प्रिया भी है और इसी की वजह से जन्माष्टमी (shri krishna janmashtami 2025 puja) के दिन तुलसी पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। कहा जाता है की जन्माष्टमी के दिन यदि कोई व्यक्ति तुलसी से जुड़े कुछ विशेष उपाय कर ले तो उनके जीवन से सारे दुख कष्ट और रोग दूर हो जाते हैं और आज के इस लेख में हम आपको इसी से जुड़े कुछ जानकारी उपलब्ध कराएंगे।

कृष्ण जन्माष्टमी के दिन करें यह आसान उपाय
जैसा कि हम सब जानते हैं जन्माष्टमी का पर्व वर्ष 2025 में 15 और 16 अगस्त को मनाया जाने वाला है। हालांकि 15 अगस्त 2025 को जन्माष्टमी का मुहूर्त (janmashtami nishith kaal muhurat 2025) मध्यरात्रि 12:00 के बाद शुरू हो रहा है ऐसे में तुलसी से जुड़े यह विशेष उपाय 15 अगस्त रात के 12:00 बजे के बाद से लेकर 16 अगस्त रात 9:00 बजे तक कभी भी किया जा सकते हैं। इन उपायों को करने पर न केवल ज्योतिषीय समाधान प्राप्त होता है बल्कि आध्यात्मिक समृद्धि भी मिलती है। आईए जानते हैं जन्माष्टमी पर तुलसी के कुछ विशेष उपाय जो आपके जीवन में सुख समृद्धि और शांति ला सकते हैं।
जन्माष्टमी पर तुलसी माता के विशेष उपाय (janmashtami ko tulsi puja karne se kya hota hai)
भगवान कृष्ण को तुलसी दल अर्पित करें: जन्माष्टमी के दिन मध्य रात्रि पूजा के समय श्री कृष्ण को तुलसी दल अर्पित करना अत्यंत शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि तुलसी पत्र भगवान को अर्पित करने से करोड़ों मुद्राओं का दान करने का लाभ मिलता है ऐसा करने से जीवन में धन-धान्य की वृद्धि होती है।
तुलसी मां का विशेष पूजन: जन्माष्टमी के दिन सुबह स्नान कर तुलसी के पौधे पर जल चढ़ाकर दीपक जलाने से और सात बार परिक्रमा करने से नकारात्मक शक्तियां दूर होती है। तुलसी परिक्रमा करते समय श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी मंत्र का जाप करने से घर के वातावरण में शुद्ध आती है।
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तुलसी माला पहनना: जन्माष्टमी के दिन मानसिक शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्ति के लिए यदि तुलसी की माला धारण की जाए तो मन एकाग्र होता है और पापों का नाश होता है। आप चाहे तो किसी कृष्ण मंदिर में तुलसी माला भी समर्पित कर सकते हैं।
विवाह विलंब दूर करने हेतु उपाय: यदि आपके विवाह में लगातार बाधा आ रही है तो जन्माष्टमी के दिन रात को तुलसी के पौधे पर दीपक जलाकर ओम श्री वृषभानुजाय नमः मंत्र का 108 बार जाप करने से विवाह के योग बनने लगते हैं।