Shravan Mas Putrada Ekadashi: हिंदू धर्म में एकादशी व्रत को बेहद ही महत्वपूर्ण माना जाता है। एकादशी केवल धार्मिक तिथि नहीं बल्कि आत्मशुद्धि, संकल्प और ईश्वर से जुड़ाव का पावन अवसर होता है। हर माह के दोनों पक्षों की 11वीं तिथि को एकादशी मनाई जाती है। एकादशी तिथि मुख्य रूप से विष्णु भगवान को समर्पित होती है। वर्ष 2025 में श्रावण मास में दो एकादशी तिथियां आने वाली है एक है श्रावण पुत्रदा एकादशी जो 5 अगस्त (putrada ekadashi 2025 ) को आएगी और दूसरी है अज़ा एकादशी जो 19 अगस्त को पड़ेगी। पुत्रदा एकादशी विशेष रूप से संतान प्राप्ति की कामना रखने वाले लोगों के लिए वरदान मानी जाती है।

जी हां 5 अगस्त को पढ़ने वाली पुत्रदा एकादशी (kab hai putrada ekadashi) उन लोगों के लिए वरदान है जो लंबे समय से संतान प्राप्त करना चाहते हैं। इस दिन यदि कोई दंपति विशेष उपाय कर लें और मुहूर्त के आधार पर व्रत और पूजा विधि का पालन करें तो निश्चित ही उनकी मनोकामना पूरी होती है और आज के इस लेख में हम इसी से जुड़ी समझते जानकारी आपको उपलब्ध कराएंगे।
श्रावण पुत्रदा एकादशी तिथि और शुभ मुहूर्त (5 august 2025 ekadashi shubh muhurat)
श्रावण मास की पुत्रदा एकादशी की तिथि 4 अगस्त 2025 को दोपहर 1:11 पर आरंभ हो रही है। परंतु उदया तिथि के आधार पर एकादशी तिथि 5 अगस्त 2025 से लागू मानी जाएगी। एकादशी तिथि की समाप्ति 5 अगस्त 2025 को दोपहर 2:42 पर हो रही है। हालांकि व्रत खोलने का शुभ समय 6 अगस्त 2025 सुबह 6:02 से 8:36 मिनट तक माना जा रहा है। एकादशी का व्रत द्वादशी तिथि तक खोला जाता है और द्वादश तिथि की समाप्ति 6 अगस्त 2025 को दोपहर 3:38 पर हो रही है।
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श्रावण पुत्रदा एकादशी पर संतान प्राप्ति हेतु करें यह उपाय (shravana putrada ekadashi 2025 upaay)
5 अगस्त 2025 को श्रावण मास की पुत्रदा एकादशी की तिथि पड़ रही है। ऐसे में वे दंपति जो लंबे समय से संतान प्राप्ति (santan prapti upay) के लिए यत्न जतन कर रहे हैं वह निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं
- भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की तस्वीर के समक्ष पीले पुष्प, तुलसी दल और कपूर जलाकर ओम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का 108 बार जाप करें।
- इस दिन यदि दंपति विष्णु भगवान को पीला वस्त्र चढ़ाते हैं तो उनकी मनोकामना जरुर पूरी होती है।
- दंपति इस दिन अपने पूजा स्थल में एक सुपारी और चांदी के लड्डू गोपाल की मूर्ति स्थापित करते हैं तो निश्चित ही उन्हें संतान प्राप्ति का सुख मिलता है।
- इस दिन यदि कोई दंपत्ति काले तिल, घी और शक्कर मिलाकर पीपल की वृक्ष के जड़ में अर्पित करता है तो उन्हें पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और ऐसे दंपति को जल्द ही संतान प्राप्ति होती है।