Shravan Mahine Me Shivling Par Kya Chadaye: श्रावण मास का आगमन होते ही भक्तों के हृदय में एक अनोखी स्पूर्ति जाग जाती है। श्रावण से ही कावड़ यात्रा भी शुरू हो जाती है। श्रावण मास को मानसिक शांति और जीवन में सकारात्मक के आगमन का महीना माना जाता है। कहा जाता है कि श्रावण मास में प्रत्येक सोमवार को शिवलिंग पर जलाभिषेक करने से व्यक्ति को संपूर्ण सुख प्राप्त होते हैं और आज के इस लेख में हम आपको इसी जलाभिषेक से भोलेनाथ को प्रसन्न करने के कुछ विशेष उपाय बताएंगे।
शिवलिंग जलाभिषेक के जल में मिला लें यह लाभकारी पदार्थ (shivling ka jalabhishek)
जैसा कि हम सब जानते हैं श्रावण के महीने में प्रत्येक सोमवार को मंदिरों में भोलेनाथ के शिवलिंग पर जल चढ़ाने के लिए लोगों की लंबी कतारें लग जाती है। शिवलिंग पर मात्र जल अर्पित करने से ही भोलेनाथ प्रसन्न हो जाते हैं परंतु भक्त यदि चाहे तो शिवलिंग पर जलाभिषेक (shravan mas somvar upay) करने वाले जल में कुछ विशेष पदार्थ डालकर इसे और भी गुणकारी और लाभकारी बना सकते हैं जिससे उन्हें जल चढ़ाने के वास्तु लाभ और धार्मिक लाभ भी मिलते हैं।
श्रावण मास में जलाभिषेक के जल में क्या मिलाए?(shivling jalabhishek upay)
गंगाजल: श्रावण मास के दौरान शिवजी का जलाभिषेक करते समय यदि जल में थोड़ा सा गंगाजल मिलाते हैं तो इससे पितृ दोष नाश हो जाता है यहां तक की राहु केतु जैसे ग्रह भी शांत हो जाते हैं।
शहद: यदि आप जलाभिषेक के जल में शहद मिलाकर शिवजी को अर्पण करते हैं तो इससे कुंडली का बृहस्पति ठीक हो जाता है, वैवाहिक जीवन बेहतर होने लगता है यहां तक की संतान सुख की प्राप्ति होती है।
काले तिल: यदि श्रावण मास के दौरान शिव जी के अभिषेक करने वाले जल में आप काले तिल मिलाकर शिव जी को अर्पण करते हैं तो इससे शनि दोष समाप्त हो जाता है यहां तक की साडेसाती में भी काफी राहत मिलती है।
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सेंधा नमक: यदि शिवजी के जलाभिषेक करने वाले जल में व्यक्ति सेंधा नमक मिलाकर शिवलिंग पर चढाता है तो इससे मानसिक भ्रम, उलझन अचानक नुकसान जैसी परेशानियां समाप्त हो जाती है।
गुड: श्रावण मास में शिव जी का जलाभिषेक करते समय जल में यदि थोड़ा सा गुड़ मिलाकर चढ़ा दिया जाए तो पारिवारिक जीवन सुखद बनता है विवाह में आए रही बाधाएं दूर होती है मंगल दोष दूर हो जाता है।
बिल्व पत्र की का रस: शिव जी के जलाभिषेक वाले जल में यदि व्यक्ति बिल्व पत्र का रस मिलाकर शिवजी पर चढ़ाया जाए तो इससे समस्त ग्रह दोष समाप्त हो जाते हैं। कहा जाता है कि बिल्व पत्र का रस शिवजी पर चढाने से त्रिदेव की कृपा प्राप्त होती है।