Shivraj Singh Chauhan In Delhi: 18 साल से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपनी पार्टी भाजपा से नाराज बताए जा रहे हैं. उन्हें आज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने, दिल्ली बुलाया है.
Shivraj Singh Chauhan: मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने ऐतिहासिक जीत के बाद, लम्बे समय तक मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान को हटाकर मोहन यादव को सूबे का नया मुख्यमंत्री बनाया है. प्रदेश की 16वीं विधानसभा के पहले सत्र का आगाज आज हो चूका है. वंदे मातरम गायन के साथ विधानसभा की कार्यवाही शुरू हो गई. नवनिर्वाचित सदस्यों की सूचि पटल पर रखी गई. प्रोटेम स्पीकर गोपाल भार्गव ने सभी नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाई। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सोमवार शाम दिल्ली जाएंगे। वे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात करेंगे। चुनाव रिजल्ट के बाद शिवराज का पहला दिल्ली दौरा होगा।
पिछले दिनों नड्डा से शिवराज सिंह चौहान की भूमिका को लेकर सवाल पुछा गया था, तब उन्होंने कहा था कि शिवराज पार्टी के वरिष्ठ लीडर हैं हम उनके कद के हिसाब से उन्हें कम देंगे उनके अनुभव का अच्छे तरीके से उपयोग करेंगे। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी ने शिवराज की नई भूमिका तय कर ली है. नड्डा इसी विषय में उनसे चर्चा करेंगे। बताते चलें कि आज शिवराज सिंह चौहान विधानसभा में शपथ ली. दिल्ली जाने के सवाल पर उन्होंने कहा, राष्ट्रीय अध्यक्ष ने मुझे बुलाया है मैं उनसे मिलने जा रहा हूं. कल क्या चर्चा हुई? मेरी जानकारी में नहीं है.
शिवराज की नाराजगी दूर करेंगे नड्डा?
रविवार 17 दिसंबर की देर रात मोहन यादव और पार्टी के बड़े नेता भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चा हुई. जहां शिवराज सिंह चौहान की उपस्तिथि नहीं रही. शिवराज के नदारद रहने से सवाल उठना लाजमी है. सवाल दो हैं की क्या शिवराज सिंह चौहान को पार्टी की इस बैठक में बुलाया नहीं गया या वो गए नहीं। इस बारे में फ़िलहाल स्तिथि स्पष्ट नहीं हो पाई है कि उनके बैठक से नदारत रहने के पीछे क्या कुछ वजह थी. राजनितिक जानकारों की माने तो अगर शिवराज सिंह चौहान किसी तरह से नाराज हैं तो जेपी नड्डा आज उनसे बातचीत कर समाधान कर सकते हैं.
2 दिन पहले ही जेपी नड्डा ने बताया था कि शिवराज सिंह जैसे बड़े जान आधार नेता को घर नहीं बैठाया जा सकता। इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्हें केंद्र में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है.