कांग्रेस सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने कोच्चि (Kochi) में एक कार्यक्रम में कहा कि किसी भी नेता की पहली वफादारी देश (Nation First) के प्रति होनी चाहिए, न कि किसी राजनीतिक दल (Political Party) के प्रति। यह बयान उन्होंने ‘शांति, सद्भाव और राष्ट्रीय विकास’ (National Development) पर आयोजित एक कार्यक्रम में दिया। थरूर ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) के कथन “Who lives if India dies?” का हवाला देते हुए जोर दिया कि राष्ट्रीय हित (National Interest) सर्वोपरि है और संकट के समय सभी दलों को एकजुट होना चाहिए।
थरूर के इस बयान का बीजेपी सांसद प्रवीण खंडेलवाल (Praveen Khandelwal) ने समर्थन किया। खंडेलवाल ने कहा कि बीजेपी (BJP) हमेशा से मानती है कि व्यक्ति के बाद पार्टी और पार्टी के बाद राष्ट्र आता है। उन्होंने थरूर के विचारों का स्वागत करते हुए कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा (National Security) जैसे मुद्दों पर राजनीतिक मतभेद नहीं होने चाहिए। हालांकि, थरूर के बयान ने कांग्रेस (Congress) के भीतर विवाद खड़ा कर दिया। कांग्रेस नेता उदित राज (Udit Raj) ने थरूर पर तंज कसते हुए कहा कि वह बीजेपी के प्रवक्ता (Spokesperson) की तरह बयान दे रहे हैं।
उदित राज ने सोशल मीडिया पर लिखा, “मैं पीएम मोदी से अनुरोध कर सकता हूं कि वह आपको बीजेपी का सुपर प्रवक्ता घोषित करें।” कांग्रेस के संचार प्रमुख जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने भी उदित राज के पोस्ट को रीपोस्ट कर अप्रत्यक्ष रूप से थरूर की आलोचना की। थरूर ने जवाब में स्पष्ट किया कि उनके बयान राष्ट्रीय एकता (National Unity) को बढ़ावा देने के लिए थे, न कि किसी पार्टी का समर्थन करने के लिए। उन्होंने कहा, “जब मैं भारत की बात करता हूं, तो मैं सभी भारतीयों की बात करता हूं, न कि केवल उन लोगों की जो मेरी पार्टी को पसंद करते हैं।
” थरूर ने यह भी कहा कि वह 16 साल से कांग्रेस के साथ हैं और उनकी विचारधारा पार्टी के मूल्यों से मेल खाती है, लेकिन राष्ट्रीय हितों के लिए वह सभी दलों के साथ सहयोग करने को तैयार हैं। यह विवाद ऐसे समय में उभरा है जब थरूर पहले भी ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की विदेश नीति की तारीफ कर चुके हैं, जिससे कांग्रेस नेतृत्व के साथ उनके मतभेद सामने आए हैं। कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि थरूर की स्वतंत्र राय और उनकी वाकपटुता (Eloquence) उन्हें पार्टी के भीतर अलग-थलग कर सकती है, लेकिन वह अभी भी कांग्रेस के साथ बने हुए हैं।