Shashi Tharoor To Quit Congress: पिछले कुछ सालों से ऐसा देखने को मिल रहा है जैसे कांग्रेस पार्टी में वरिष्ठ सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor ) को ज्यादा इम्पोर्टेंस नहीं मिल रही है. शायद ऐसा तब से हुआ जब कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव हुआ था और थरूर ने इस पद के लिए खुद को नॉमिनेट किया था. खरगे यह चुनाव जीतकर राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए थे. तभी से थरूर को अपनी ही पार्टी में तवज्जो मिलनी कम हो गई थी. ऐसा होना जाहिर भी था क्योंकी थरूर उस G-23 के मेंबर थे जो कांग्रेस पार्टी में नए सिरे से बदलाव का पक्षधर था और उन्होंने पार्टी में रहते हुए गांधी परिवार के नेतृत्व पर सवाल उठाए थे. अब यही बात थरूर को महसूस हुई है, हो सकता है कि यह उन्हें काफी पहले ही महसूस हो गया हो मगर अब जाकर उन्होंने अपनी चुप्पी तोड़ी है.
राहुल से नाराज चल रहे शशि थरूर
केरल के तिरुवंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने अब राहुल गांधी से यह साफ़ साफ़ पुछा है कि उनका इस पार्टी में क्या रोल है? 18 फरवरी को थरूर की राहुल से मुलाकात हुई थी, जहां उन्होंने नरागजी व्यक्त करते हुए पुछा कि उन्हें इग्नोर क्यों किया जा रहा है, संसद में बोलने का मौका क्यों नहीं दिया जा रहा है ? थरूर का कहना है कि वो इस असामंजस्य में हैं कि उनकी कांग्रेस पार्टी में आखिर भूमिका क्या है?
मोदी की जमकर तारीफ की
कुछ दिन पहले की बात है, जब पीएम मोदी यूएस दौरे से वापस भारत लौटे थे, तब कांग्रेस पार्टी ने पीएम मोदी की इस यात्रा का खूब विरोध किया था, विदेश नीति पर सवाल उठाए थे, अडानी वाले मामले में पीएम मोदी को पर्सनली टारगेट किया था. तब थरूर एक मात्र ऐसे कांग्रेस लीडर थे जिन्होंने इस मामले में पीएम मोदी का समर्थन किया था, उन्होंने मोदी की यूएस विजिट की तारीफ करते हुए कहा था कि मुझे लगता है इस यात्रा से कुछ सकारात्मक हासिल हुआ है, मैं एक भारतीय होने के नाते इसकी सराहना करता हूं, उन्होंने पीएम मोदी के उस जवाब की भी तारीफ की थी जब उन्होंने अमेरिका में अडानी मुद्दे पर कहा था कि दो देशो के राष्ट्राध्यक्ष किसी के व्यक्तिगत मामलों की बात करने के लिए नहीं मिलते, कांग्रेस ने इस बात का भी मुद्दा भी बनाया था.
केरल सरकार की भी तारीफ की
कुछ दिन पहले थरूर ने केरल सरकार की नीति की भी तारीफ की थी, उन्होंने कहा था कि केरल भारत के टेक्नोलॉजिकल और इंडस्ट्रियल चेंज का नेतृत्व करते रहने के लिए अच्छी स्थिति में है। तब केजरल कांग्रेस के मुखपत्र ने थरूर को नसीहत भी दी थी. थरूर ऐसे कोंग्रेसी नेता हैं जो गांधी परिवार के एजेंडे पर नहीं चलते, उन्हें जो बात अच्छी लगती है वो कहने से हिचकते नहीं हैं, उन्होंने काफी सालों पहले स्वच्छ भारत अभियान की भी तारीफ की थी और ये बात राहुल गांधी को पसंद नहीं आई थी.
राहुल समाधान नहीं करते
तो थरूर एक तरफ राहुल गांधी के सबसे बड़े राइवल पीएम मोदी की तारीफ कर रहे हैं वहीं LOP राहुल गांधी की बुराई भी कर रहे हैं. रिपोर्ट के अनुसार थरूर का कहना है कि राहुल ग़ांधी ने उनकी शिकायतों का समाधान नहीं किया ना ही कोई खास जवाब दिया। थरूर का साफ़ कहना है कि उन्हें पार्टी के अंदर अपनी पहचान बनाने और नेतृत्व करने का मौका नहीं दिया जा रहा है, थरूर का मानना है कि वे संसद में पार्टी के नेतृत्व को सँभालने के लिए सक्षम हैं मगर राहुल गांधी खुद LOP बन गए.
तो कांग्रेस छोड़ देंगे शशि थरूर
ऐसा माना जा रहा है कि अगर कांग्रेस ने थरूर को पार्टी में कोई महत्वपूर्ण पद नहीं दिया और ऐसे ही इग्नोर करती रही तो थरूर भी बगावत करने से पीछे नहीं हटने वाले, हो सकता है कि वे भी G23 के पूर्व सदस्यों की तरह पार्टी बदल लें, जैसे कपिल सिबल ने सपा ज्वाइन की, जितिन प्रसाद ने बीजेपी , योगानंद शास्त्री NCP और गुलाम नबी आज़ाद ने अपनी ही पार्टी बना ली.
जाहिर सी बात है कि तालाब में रहकर मगरमच्छ से बैर नहीं की जाती, लेकिन G23 ग्रुप के मेंबर्स ने बैर ले ही ली थी, लेकिन परिणाम यही हुआ कि कुछ लोगों को तालाब छोड़ना पड़ा और कुछ को ना चाहते हुए भी दोस्ती करनी पड़ गई. तब ये देखने वाली बात होगी कि थरूर, बैर लेने के बाद इसी तालाब में रहना पसंद करते हैं या नए साथियों की तलाश में निकलते हैं.
वैसे आपको क्या लगता है? शशी थरूर को कांग्रेस पार्टी इम्पोर्टेंस क्यों नहीं दे रही है और क्या वे कांग्रेस छोड़ने वाले हैं ? हमें अपनी राय कमेंट बॉक्स में जरूर दें और ऐसी ही खबरों के लिए शब्द सांची के साथ बने रहें।