Sharmistha Panoli Bail: कलकत्ता हाई कोर्ट ने गुरुवार को सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और लॉ स्टूडेंट शर्मिष्ठा पनोली (Sharmistha Panoli) को अंतरिम जमानत (interim bail) दे दी। शर्मिष्ठा को कोलकाता पुलिस (Kolkata Police) ने पिछले हफ्ते गुरुग्राम से गिरफ्तार किया था, क्योंकि उनके एक सोशल मीडिया वीडियो में कथित तौर पर सांप्रदायिक टिप्पणियां (communal remarks) थीं, जो ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) से जुड़ी थीं।
शर्मिष्ठा के वकील ने कोर्ट में दलील दी कि उनकी गिरफ्तारी गैरकानूनी थी, क्योंकि FIR में दर्ज अपराध गैर-संज्ञेय थे और उन्हें गिरफ्तारी से पहले कोई नोटिस नहीं दिया गया, जो कि नई BNSS कानूनों के तहत अनिवार्य है। इसके अलावा, उनके वकील ने कहा कि शर्मिष्ठा ने विवादास्पद वीडियो हटा दिया था और सार्वजनिक रूप से माफी भी मांगी थी।
कोर्ट ने शर्मिष्ठा को 10,000 रुपये के जमानत बॉन्ड पर अंतरिम जमानत दी। इससे पहले, मंगलवार को कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी और कहा था कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब दूसरों की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया था कि मामले की डायरी 5 जून को पेश की जाए।
शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी के बाद यह मामला विवादों में रहा। बीजेपी विधायक शंकर घोष (Shankar Ghosh) ने तृणमूल कांग्रेस सरकार (TMC government) पर “हिंदू विरोधी मानसिकता” का आरोप लगाया, जबकि TMC नेता कुणाल घोष (Kunal Ghosh) ने कहा कि किसी भी तरह का घृणा भाषण (hate speech) अस्वीकार्य है। शर्मिष्ठा के पिता, पृथ्वीराज ने दावा किया कि उनकी बेटी फरार नहीं थी और कोलकाता पुलिस मुख्यालय में संपर्क में थी।
यह मामला सोशल मीडिया पर भी चर्चा में रहा, जहां कुछ लोगों ने उनकी गिरफ्तारी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताया, जबकि अन्य ने उनके खिलाफ कार्रवाई का समर्थन किया। कोलकाता पुलिस ने कहा कि गिरफ्तारी में सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया गया।