SHARAD PURNIMA SPECIAL KHEER RECIPE : शरद पूर्णिमा में स्वाद-सेहत से भरपूर इंस्टेंट खंडा खीर – शरद पूर्णिमा का पर्व हिंदू परंपरा में विशेष स्थान रखता है। इस दिन वर्षभर का सबसे उज्ज्वल चंद्रमा आकाश में चमकता है और माना जाता है कि चांदनी में अमृत बरसता है। इसी मान्यता के चलते इस रात दूध और खीर को चांदनी में रखकर प्रसाद रूप में ग्रहण किया जाता है। अगर आप भी इस बार की शरद पूर्णिमा पर घर में झटपट, टेस्टी और हेल्दी खीर बनाना चाहते हैं, तो पेश है बेहद आसान “इंस्टेंट बासमती खंडा खीर” की खास रेसिपी, जो स्वाद और पौष्टिकता दोनों में लाजवाब है।
शरद पूर्णिमा स्पेशल चावल खीर बनाने की आवश्यक सामग्री
1- कटोरी बासमती चावल का खंडा (टूटा या किनकी चावल)
1- चम्मच सूजी
1- कटोरी मिक्स खड़ा मेवा (काजू, बादाम, पिस्ता, किशमिश, चिरौंजी)
2- किलो गाय का दूध
1- कटोरी दूध की मलाई
4-5 – इलायची (कूटी हुई)
7-8- केसर के धागे
शक्कर – स्वादानुसार
2 टी-स्पून – शुद्ध देसी घी
( वैकल्पिक: एक चुटकी नमक चावल पकाने में )
शरद पूर्णिमा स्पेशल इंस्टेंट चावल खीर बनाने की विधि
दूध तैयार करें – एक बड़े पतीले में गाय का दूध उबलने के लिए चढ़ाएं। उबाल आने पर आंच धीमी करके दूध को पकने दें। इस बीच 2–3 चम्मच गुनगुने दूध में केसर के धागे भिगो दें।
चावल की तैयारी – चावल को 4–5 बार धोकर 20 मिनट के लिए गुनगुने पानी में भिगो दें। फिर पानी छानकर सूखे कपड़े पर फैला दें ताकि चावल हल्के सूख जाएं।
मेवा और चावल भूनना-पकाना – एक कढ़ाई में देसी घी गरम करें और सारे मेवे हल्के सुनहरे तल लें। फिर उसी घी में भीगे चावल को 10-15 मिनट तक धीमी आंच पर भूनें। इसके बाद थोड़ा पानी (नापकर) और एक चुटकी नमक डालकर कुकर में दो सीटी तक पकाएं।
दूध और शक्कर मिलाना – उबलते दूध में स्वादानुसार शक्कर डालें और थोड़ी देर तेज आंच पर उबालें ताकि शक्कर का स्वाद दूध में अच्छे से घुल जाए।
चावल मिलाएं – कुकर खोलें, गर्म चावलों को हल्के हाथ से मसलें और उबलते दूध में डालें। मीडियम आंच पर खीर को लगातार चलाते हुए पकाएं।
सूजी और मलाई मिलाएं – अलग से घी में सूजी को हल्का गुलाबी भूनें और खीर में डालें। अब खीर को तब तक पकाएं जब तक मनचाहा गाढ़ापन न आ जाए।
अंतिम टच – जब खीर तैयार हो जाए, तब उसमें कूटी इलायची, कटा मेवा और भीगा हुआ केसर वाला दूध डालकर 10 मिनट तक धीमी आंच पर पकाएं।
शरद पूर्णिमा की परंपरा और परोसने का तरीका – शरद पूर्णिमा की रात को यह खीर चांदी या मिट्टी के बर्तन में डालकर खुले आसमान के नीचे चांदनी में रखी जाती है। मान्यता है कि इस रात चंद्रमा की किरणों में औषधीय गुण होते हैं जो दूध और खीर को अमृत समान बना देते हैं। रातभर चांदनी में रखी खीर को अगले दिन सुबह प्रसाद के रूप में ग्रहण करने से शरीर में ऊर्जा, स्फूर्ति और मानसिक शांति प्राप्त होती है।
विशेष – शरद पूर्णिमा की खीर केवल एक मिठाई नहीं बल्कि परंपरा, आस्था और स्वास्थ्य का संगम है। इस बार आप भी चांदनी रात में यह इंस्टेंट टेस्टी-हेल्दी खीर बनाएं, परिवार संग चंद्रमा की शुभ किरणों में इसका आनंद लें और देवी लक्ष्मी के आशीर्वाद की कामना करें।