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SGMH Rewa में 11 महीने के झुलसे बच्चे की मौत, परिजनों ने इलाज में लापरवाही का लगाया आरोप, शव लेने से किया इनकार

Relatives gathered outside SGMH Rewa hospital after the death of an 11-month-old burn victim, demanding answers from authorities

SGMH Rewa infant death sparks allegations of medical negligence

11 month old burnt child dies in SGMH Rewa: विंध्य क्षेत्र के सबसे बड़े संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल (SGMH) में एक बार फिर इलाज में लापरवाही का गंभीर मामला सामने आया है। गर्म चाय गिरने से 35% झुलसे 11 महीने के मासूम लक्ष्य यादव की शुक्रवार देर रात इलाज के दौरान मौत हो गई। बच्चे की मौत के बाद आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया और दोषी डॉक्टरों-स्टाफ पर कार्रवाई की मांग को लेकर शव लेने से इनकार कर दिया।

घटना अतरैला थाना क्षेत्र के गड़ेरा गांव निवासी परिवार के साथ हुई। मृतक बच्चे के पिता लवकुश यादव ने बताया कि 9 दिसंबर को घर में खेलते समय बच्चे पर गर्म चाय गिर गई थी, जिससे उसका पेट और पीठ झुलस गई। परिजन उसे तुरंत संजय गांधी अस्पताल के बर्न वार्ड में लेकर आए, जहां भर्ती कर इलाज शुरू किया गया। परिजनों का आरोप है कि इलाज के हर कदम पर लापरवाही बरती गई। एडमिशन फाइल में बच्चे का नाम तक गलत लिखा गया। डॉक्टरों ने ब्लड की जरूरत बताई, लेकिन बच्चे का ब्लड ग्रुप तक नहीं बताया, जिससे परिजन परेशान रहे।

परिजन पीयूषमणि यादव ने कहा, “इलाज में भारी लापरवाही हुई है। डॉक्टरों ने हमें अंधेरे में रखा और सही जानकारी नहीं दी। बच्चा ठीक था, लेकिन लापरवाही से उसकी जान चली गई। जब तक दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती, हम शव नहीं लेंगे और चुप नहीं बैठेंगे।” हंगामे की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया।

अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. यत्नेश त्रिपाठी ने बताया कि परिजनों की मांग स्वीकार कर ली गई है। बच्चे का पोस्टमॉर्टम विशेषज्ञों की टीम और फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी टीम की मौजूदगी में वीडियोग्राफी के साथ कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि लापरवाही के आरोपों की निष्पक्ष जांच होगी, हालांकि गंभीर आरोप निराधार हैं। जांच रिपोर्ट के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।

गौरतलब है कि संजय गांधी अस्पताल पिछले एक सप्ताह से लगातार विवादों में घिरा हुआ है। आए दिन मरीजों की मौत और लापरवाही के आरोप लग रहे हैं, लेकिन अब तक केवल जांच कमेटी गठित करने या आश्वासन देने तक ही कार्रवाई सीमित रही है। इस ताजा घटना ने अस्पताल की कार्यप्रणाली और प्रबंधन पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। परिजन उच्चस्तरीय जांच और सख्त कार्रवाई की मांग पर अड़े हुए हैं।

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