Sex Education For Kids: आज बच्चों को अपने सवालों का जवाब खोजने के लिए माता-पिता पर निर्भर नहीं रहना पड़ता, क्योंकि इन दिनों सोशल मीडिया पर बच्चे हर सवाल का जवाब आसानी से तलाश लेते हैं। लेकिन पेरेंट्स होने के नाते हर मां-बाप को अपने बच्चों को सही जानकारी देना बहुत जरूरी है ताकि वह गलत रास्ते पर ना निकल पड़े।
खासतौर पर बात जब सेक्स एजुकेशन की हो रही हो तो ज्यादातर पेरेंट्स खुद अपने बच्चों के सवालों के जवाब देने से बचने की कोशिश करने लगते हैं, लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए। अगर सेक्स एजुकेशन की शुरूआत घर से ही हो तो बच्चे के गुमराह होने का खतरा बेहद कम हो जाता है। तो आइए आपको बताते हैं आपको अपने बच्चों को सेक्स एजुकेशन कब और कैसे देनी चाहिए?
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बच्चे को सेक्स एजुकेशन किस उम्र में देनी चाहिए?
- चार साल की उम्र: बच्चों को सेक्स एजुकेशन देने की शुरूआत चार साल की उम्र से कर देनी चाहिए। इस उम्र से बच्चों को गुड टच और बैड टच के बारे में समझाना चाहिए। उन्हें प्राइवेट पार्ट्स की सेफ्टी और उससे जुड़े खतरों के बारे में जानकारी देनी चाहिए।
- आठ साल की उम्र: इस उम्र के बच्चे समझदार हो चुके होते हैं। इसलिए उन्हें कहानियों से बहलाने की जगह रियल फैक्ट्स बताएं। उनके जन्म से जुड़े सवाल पूछने पर उन्हें यह कहकर ना बहलाएं कि परियां नीचे आकर उन्हें आपके पास छोड़ गई थीं। बल्कि बच्चों को समझाएं कि किसी बच्चे के जन्म लेने के लिए स्पर्म और सेल दोनों की जरूरत होती है जो उसे उसके माता-पिता से मिलता है।
- दस साल की उम्र: बच्चों के इस उम्र तक आते-आते पेरेंट्स को अपने बच्चों के साथ अपनी झिझक को थोड़ा कम कर लेना चाहिए। आजकल रेप , शारीरिक शोषण जैसी खबरें रोजाना टीवी और अखबार में आना एक आम बात हो गई हैं। ऐसे में बच्चा इन विषयों से जुड़ा कोई सवाल आपसे करता है तो आपको उसका सही जवाब देना चाहिए और बच्चे को गंभीरता से समझाना चाहिए।
- 15 साल की उम्र: इस उम्र तक बच्चे को मिली अधकचरी सेक्स एजुकेशन उसे किसी गलत दिशा में भी लेकर जा सकती है। इस खतरे से बचने के लिए बच्चे से खुलकर बात करें ताकि बच्चों के मन में क्या चल रहा है, आपको अच्छे से पता रहे और आप समय रहते बच्चे को बिगड़ने से रोक पाएं।
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