Serious allegations against animal husbandry department: मध्य प्रदेश के पशुपालन विभाग में प्रशासनिक अधिकारियों की “मनमानी” और “असंभव टारगेट” थोपने का मामला सामने आया है। विभाग के एक कर्मचारी/कार्यकर्ता ने सीधे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर गंभीर आरोप लगाए हैं कि अधिकारियों द्वारा कृत्रिम गर्भाधान (Artificial Insemination) के नाम पर जबरदस्त दबाव बनाया जा रहा है और हर कार्यकर्ता से प्रतिदिन 20-20 कृत्रिम गर्भाधान करने को बाध्य किया जा रहा है, जोकि “प्राकृतिक रूप से असंभव” है।
पत्र में लिखा गया है
- कृत्रिम गर्भाधान एक पूरी तरह प्राकृतिक प्रक्रिया है, जिसे आदर्श परिस्थितियों में ही सफलता मिलती है।
- प्रशासनिक अधिकारी सिर्फ कागजी आंकड़े बनाने के लिए अनुचित दबाव डाल रहे हैं, जिससे भ्रामक रिकॉर्ड तैयार हो रहा है।
- इससे न तो उन्नत नस्ल के पशु पैदा होंगे और न ही दुग्ध उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि पशुपालकों को नुकसान होगा।
- शिकायतकर्ता ने मुख्यमंत्री को “उच्च शिक्षित पशुपालक” बताते हुए अपील की है कि वे स्वयं जानते हैं कि एक व्यक्ति का एक दिन में 20 गाय-भैंसों का कृत्रिम गर्भाधान करना किसी भी हालत में संभव नहीं है।
पत्र में अधिकारियों की “हटधर्मिता” और “आंकड़ों की बाजीगरी” का भी जिक्र किया गया है। शिकायतकर्ता ने मांग की है कि इस मनमानी को तत्काल रोका जाए।सोशल मीडिया पर वायरलमुख्यमंत्री को लिखा गया यह पत्र सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। पशुपालन विभाग से जुड़े कई कर्मचारी और पशुपालक इसे शेयर कर रहे हैं। अधिकांश लोगों ने इसे “हकीकत” बताया है और विभाग के अफसरों पर टारगेट पूरा करने के लिए फर्जी आंकड़े बनाने का आरोप लगाया है।विभाग ने अभी दी कोई प्रतिक्रिया नहींपशुपालन विभाग के आला अधिकारियों से जब इस पत्र के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कोई आधिकारिक बयान देने से इनकार कर दिया। सूत्रों का कहना है कि विभाग में कृत्रिम गर्भाधान के टारगेट को लेकर लंबे समय से असंतोष चल रहा है और कई जिलों में मैदानी कर्मचारी लगातार शिकायत कर रहे हैं।मामला मुख्यमंत्री तक पहुंच चुका है। अब यह देखना होगा कि डॉ. मोहन यादव, जो स्वयं पशुपालक परिवार से हैं, इस गंभीर शिकायत पर क्या कार्रवाई करते हैं।
