सिंगरौली में गौ-हत्या का सनसनीखेज मामला, 6 गायों को जहर देकर मारने का संदेह, पुलिस ने शुरू की जांच

Sensational case of cow slaughter in Singrauli

Sensational case of cow slaughter in Singrauli: मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले के सराई इलाके में एक सनसनीखेज घटना ने ग्रामीणों को स्तब्ध कर दिया है। जंगल में चरने गई छह गायों को मार डाला गया। प्रत्यक्षदर्शी का दावा है कि यह कृत्य एक पूर्व जंगल विभाग चौकीदार ने अंजाम दिया, जिससे इलाके में गुस्सा भड़क गया है। पशु चिकित्सा टीम ने पोस्टमॉर्टम में जहर की पुष्टि की है, जबकि सराई थाने ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर तलाश तेज कर दी है। गौ-रक्षा संगठनों ने इसे ‘गौ-हत्या का सुनियोजित षड्यंत्र’ बताते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था और धार्मिक भावनाओं को झकझोर रही है।

जानकारी के अनुसार बारका चौकी क्षेत्र के घने जंगल में शनिवार सुबह चरने गई छह गायें अचानक तड़पने लगीं और कुछ ही मिनटों में उनकी मौत हो गई, जिससे ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। स्थानीय निवासियों ने तत्काल गौशाला प्रबंधक, ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों को सूचना दी, जो पशु चिकित्सा विभाग की टीम को बुला लाए। ग्रामीणों का आरोप है कि यह कोई प्राकृतिक मौत नहीं, बल्कि जहर देने की साजिश है। खासकर जब इलाके में गौ-वंश की संख्या बढ़ रही हो और चोरों का डर बना हुआ हो। एक ग्रामीण ने कहा, “हमारे लिए गायें परिवार का हिस्सा हैं। यह घटना पूरे गांव को सदमे में डाल रही है।

महुआ-यूरिया का घातक मिश्रण डाला

घटना के एकमात्र प्रत्यक्षदर्शी आत्माराम वैश्य ने पुलिस को बताया कि सुबह करीब 6 बजे एक मोटरसाइकिल सवार व्यक्ति जंगल पहुंचा, जो गांव का ही रहने वाला है और ‘पैसहवा’ नाम से जाना जाता है। “वह साकेत परिवार से है और पहले जंगल विभाग में चौकीदार था। मेरे घर के पास 20-25 गोवंश आराम कर रहे थे। पैसहवा ने महुआ, यूरिया और नमक का मिश्रण जमीन पर डाल दिया। जैसे ही गायों ने इसे चखा, वे तड़पने लगीं। मैंने दौड़कर देखा तो कुछ अभी भी खा रही थीं। मैंने बाकी मवेशियों को हटाया, लेकिन तब तक छह गायें मर चुकी थीं।” वैश्य का यह बयान जांच का आधार बन गया है, और ग्रामीणों का शक पैसहवा पर गहरा गया है, हालांकि वह फिलहाल फरार बताया जा रहा है।

जहर की प्राथमिक पुष्टि, लैब सैंपल का इंतजार

पशु चिकित्सा टीम ने मौके पर ही मृत गायों का पोस्टमॉर्टम किया, जिसमें पेट और आंतों में विषाक्त पदार्थों के निशान मिले। पशु चिकित्सा अधिकारी अनामिका विश्वकर्मा ने बताया, “प्राथमिक जांच में सभी मौतें जहर से ही लग रही हैं। यूरिया और महुआ का मिश्रण घातक साबित होता है, जो पाचन तंत्र को नष्ट कर देता है। सैंपल लैब भेजे गए हैं। रिपोर्ट आने पर सटीक कारण और दोषी का पता चलेगा।”

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