Tejashwi Yadav पर Voter ID Fraud का सनसनीखेज आरोप, BJP बोली- अब बख्शा नहीं जाएगा

बिहार की राजनीति में उस समय हड़कंप मच गया जब भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता सम्राट चौधरी (Samrat Choudhary) ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) पर वोटर कार्ड फ्रॉड का गंभीर आरोप लगाया। सम्राट चौधरी ने दावा किया कि तेजस्वी के पास दो अलग-अलग वोटर ID कार्ड के EPIC नंबर (EPIC numbers of two separate voter ID cards of Tejaswi Yadav) हैं, जो चुनावी नियमों का खुला उल्लंघन है।

Tejaswi Yadav voter ID fraud: BJP ने इसे “चुनावी धोखाधड़ी” करार दिया और कहा कि 2025 बिहार विधानसभा चुनाव से पहले तेजस्वी को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। चौधरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुलासा किया कि तेजस्वी के पास एक वोटर ID पटना के रघुनाथपुर विधानसभा क्षेत्र से और दूसरा वैशाली जिले के एक मतदान केंद्र से है। उन्होंने सवाल उठाया कि एक व्यक्ति के पास दो वोटर ID कैसे हो सकते हैं और इसे सुनियोजित धोखाधड़ी करार दिया। दस्तावेजों के अनुसार, दोनों EPIC नंबर तेजस्वी के नाम और जन्मतिथि से मेल खाते हैं, जिसने इस मामले को और गंभीर बना दिया है।

तेजस्वी यादव के पास दो EPIC नंबर कैसे आए?

How did Tejaswi Yadav have two EPIC numbers: BJP के सूत्रों का दावा है कि पहला वोटर ID 2015 में बनवाया गया, जब तेजस्वी ने रघुनाथपुर से विधानसभा चुनाव लड़ा था। दूसरा वोटर ID कथित तौर पर 2018 में वैशाली जिले के उनके पैतृक गांव से बनवाया गया। BJP का आरोप है कि तेजस्वी ने जानबूझकर दो वोटर ID बनवाए ताकि विभिन्न क्षेत्रों में मतदान और अन्य लाभ उठाए जा सकें।

विशेषज्ञों का कहना है कि यह तकनीकी गलती नहीं, बल्कि फर्जी पहचान बनाए रखने की साजिश हो सकती है। BJP ने इस मामले को भारत निर्वाचन आयोग (ECI) में उठाया है और तेजस्वी के खिलाफ तत्काल जांच की मांग की है। पार्टी ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ा, यह दावा करते हुए कि फर्जी पहचान पत्र का उपयोग आतंकी गतिविधियों या अवैध कामों में हो सकता है।

सम्राट चौधरी ने कहा, “तेजस्वी यादव को जवाब देना होगा। यह बिहार की जनता के साथ विश्वासघात है।” तेजस्वी यादव के खिलाफ क्या कार्रवाई हो सकती है?
चुनावी नियमों के तहत, दो वोटर ID रखना गैर-कानूनी है और यह भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 31 के तहत अपराध है। (IPC 420) अगर साजिश साबित होती है, तो तेजस्वी के खिलाफ निम्नलिखित कार्रवाइयां हो सकती हैं:

  1. आपराधिक मुकदमा: धोखाधड़ी और फर्जी दस्तावेजों के लिए 7 साल तक की सजा और जुर्माना। (criminal case)
  2. चुनावी अयोग्यता: ECI उन्हें विधानसभा चुनाव लड़ने से अयोग्य ठहरा सकता है, जिससे उनकी विधायकी खतरे में पड़ सकती है। (election disqualification)
  3. वोटर ID रद्द: दोनों वोटर ID रद्द किए जा सकते हैं। (voter ID cancellation)
  4. सार्वजनिक जांच: कोर्ट में मामला जाने पर तेजस्वी की छवि को भारी नुकसान हो सकता है।

RJD ने इन आरोपों को BJP की “राजनीतिक साजिश” बताया और कहा कि यह तकनीकी गलती हो सकती है। तेजस्वी के प्रवक्ता ने दावा किया कि BJP बिहार चुनाव से पहले उनकी छवि खराब करना चाहती है। हालांकि, BJP ने कहा कि वे संसद से सड़क तक इस मुद्दे को उठाएंगे और तेजस्वी को जवाबदेह ठहराएंगे। सोशल मीडिया पर यह मामला वायरल हो गया है, और लोग इसे बिहार की राजनीति में बड़े घोटाले के रूप में देख रहे हैं। विश्लेषकों का कहना है कि यह विवाद 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में RJD की संभावनाओं को नुकसान पहुंचा सकता है, जबकि BJP इसे भुनाने की कोशिश में है

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