CG News: सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में 1.20 करोड़ के इनामी नक्सली कमांडर को किया ढेर

Body of a killed Maoist commander recovered after an encounter in a forest area of Chhattisgarh

CG News: ओडिशा के कंधमाल जिले में सुरक्षाबलों को नक्सल उन्मूलन अभियान में बड़ी सफलता मिली है। माओवादी संगठन CPI (माओवादी) की केंद्रीय समिति (सीसी) के वरिष्ठ सदस्य और ओडिशा में संगठन के प्रमुख गणेश उइके (उम्र 69 वर्ष) को सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में मार गिराया है।

CG News: ओडिशा के कंधमाल जिले में सुरक्षा बलों को नक्सल विरोधी अभियान में बड़ी कामयाबी मिली है। माओवादी संगठन सीपीआई (माओवादी) की केंद्रीय समिति के सदस्य और ओडिशा में संगठन के प्रमुख गणेश उइके को सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में मार गिराया। इस ऑपरेशन में कुल छह नक्सलियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है।

संयुक्त अभियान में भारी गोलीबारी

यह अभियान ओडिशा पुलिस की स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (एसओजी), सीआरपीएफ और बीएसएफ की संयुक्त टीमों द्वारा चलाया गया। खुफिया जानकारी के आधार पर कंधमाल और गंजम जिलों की सीमा पर राम्पा जंगल क्षेत्र में घेराबंदी की गई। बुधवार रात को एक मुठभेड़ में दो नक्सली मारे गए, जबकि गुरुवार सुबह चाकपाड पुलिस स्टेशन क्षेत्र के जंगलों में हुई गोलीबारी में चार और नक्सली ढेर हो गए। इनमें गणेश उइके की भी पहचान हुई है।

मारे गए नक्सलियों में दो महिलाएं शामिल हैं। घटनास्थल से दो इंसास राइफल, एक .303 राइफल सहित अन्य हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए हैं। बाकी मारे गए नक्सलियों की पहचान की प्रक्रिया जारी है।

गणेश उइके पर था 1.1 करोड़ का इनाम

69 वर्षीय गणेश उइके उर्फ पक्का हनुमंतु, राजेश तिवारी, चमरू और रूपा तेलंगाना के नलगोंडा जिले का रहने वाला था। वह पिछले कई दशकों से माओवादी आंदोलन में सक्रिय था और ओडिशा-छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र कॉरिडोर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था। उसके सिर पर केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा कुल 1.1 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था। वह सात राज्यों में वांछित था और कई बड़े हमलों में शामिल रहा।

ओडिशा पुलिस के डीआईजी (ऑपरेशंस) अखिलेश्वर सिंह ने अभियान की निगरानी की। उन्होंने कहा, “यह स्पेशल इंटेलिजेंस विंग की सूचना पर आधारित ऑपरेशन था। गणेश उइके की मौत से माओवादी संगठन को गहरा झटका लगा है।”

माओवादियों को बड़ा झटका, ओडिशा नक्सल मुक्त होने की दहलीज पर

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस सफलता की सराहना की और इसे नक्सल मुक्त भारत की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि इस ब्रेकथ्रू से ओडिशा नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त होने की कगार पर पहुंच गया है। सरकार मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद का पूर्ण उन्मूलन करने के लिए प्रतिबद्ध है।

ओडिशा पुलिस के डीजीपी योगेश बहादुर खुरानिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि यह राज्य में हाल के वर्षों की सबसे बड़ी सफलताओं में से एक है। ऑपरेशन में 23 टीमों ने हिस्सा लिया और सर्चिंग जारी है।

2025 नक्सल विरोधी अभियानों के लिए अब तक का सबसे सफल साल साबित हो रहा है। हाल के महीनों में कई शीर्ष माओवादी नेताओं के सफाए और सरेंडर से संगठन की कमर टूट चुकी है।

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