SEBI New Rules and Regulations: यदि आप या आपकी फर्म दिनभर में अधिक क्वांटिटी में Index Options की खरीदी-बिक्री करते हैं, तो अब सतर्क हो जानें की जरूरत है. मार्केट रेगुलेटर SEBI ने ट्रेडिंग में पार्दर्शिता और जोखिम नियंत्रण को मजबूत करने के लिए एक नया सिस्टम लागू करने जा रही है.
तय सीमा से ज्यादा इंट्रा डे पोजिशन नहीं बना सकेंगे
गौरतलब है कि आगामी 1 अक्टूबर से लागू होने वाले इन नए नियमों के अंतर्गत, खास तौर पर बड़ी संस्थाएं, प्रॉप डेस्क्स और वे ट्रेडर्स जो एक्सपायरी वाले दिन बड़ी पोजिशन लेते हैं- अब एक तय सीमा से अधिक इंट्राडे पोजिशन नहीं ले सकेंगे. SEBI ने इसके लिए एक नया मापदंड भी तय किया है, जिसे फ्यूचर इक्विवेलेंट (FutEq) कहा जाता है. इसकी मदद से ऑप्शन्स और फ्यूचर्स दोनों को एक ही पैमाने पर मापा जा सकेगा, जिससे पोजिशन की निगरानी और नियंत्रण आसान होगा.
सिर्फ इतनी ही पोजिशन ले सकेंगे
अब हर ट्रेडिंग संस्था (ट्रेडिंग एंटिटी) को अधिकतम 5,000 करोड़ रुपये तक की नेट पोजिशन (लॉन्ग और शॉर्ट को ऑफसेट करने के बाद) और ₹10,000 करोड़ तक की ग्रॉस पोजिशन (लॉन्ग और शॉर्ट को अलग-अलग गिनते हुए) लेने की अनुमति होगी. SEBI का यह नया नियम 1 अक्टूबर से इंडेक्स ऑप्शन्स की इंट्राडे ट्रेडिंग पर लागू होगा.
4 बार होगी दिन भर में निगरानी
सेबी ने सभी स्टॉक एक्सचेंजों को निर्देश दिया है कि वे दिनभर में कम से कम 4 बार ट्रेडर्स की पोजिशन की रैंडम जांच करें. इनमें से एक जांच दोपहर 2:45 बजे से 3:30 बजे के बीच जरूर होनी चाहिए, क्योंकि इस समय आमतौर पर एक्सपायरी से जुड़ी ट्रेडिंग तेज हो जाती है. हर जांच के समय की इंडेक्स की प्राइस के आधार पर पोजिशन वैल्यू का कैल्कुलेशन किया जाएगा.
इसलिए लिया गया यह फैसला?
SEBI ने कहा है कि हाल के समय में कुछ ट्रेडर्स ने एक्सपायरी वाले दिनों में बहुत बड़ी और आक्रामक ट्रेडिंग की, जिससे बाजार में अस्थिरता और पारदर्शिता को लेकर चिंताएं बढ़ गई थीं. इस नए फ्रेमवर्क का मकसद है कि बाजार में लिक्विडिटी बनी रहे और संस्थागत निवेशक या मार्केट मेकर्स सामान्य तरीके से ट्रेड कर सकें, लेकिन अत्यधिक जोखिम वाले सौदों पर रोक लगाई जा सके.
नियम तोड़ने पर क्या होगा?
अगर कोई ट्रेडर इन सीमाओं को पार करता है, तो स्टॉक एक्सचेंज उसके सौदों की जांच करेगा. इसमें शामिल हो सकता है. ट्रेड की वजह का स्पष्टीकरण देना, संबंधित इंडेक्स स्टॉक्स में की गई ट्रेडिंग की समीक्षा और ऐसी घटनाओं की जानकारी SEBI को देना. एक्सपायरी वाले दिनों में नियम तोड़ने पर जुर्माना या अतिरिक्त निगरानी डिपॉजिट जमा करने की जरूरत भी पड़ सकती है.
इन पर लागू होगा ये नियम?
यह नया नियम सिर्फ इंडेक्स ऑप्शन्स (जैसे Nifty और Bank Nifty) पर लागू होगा. यह स्टॉक ऑप्शन्स या फ्यूचर्स पर लागू नहीं है.
Expiry Penalty कब से?
एक्सपायरी वाले दिन नियम तोड़ने पर जुर्माने से जुड़ा प्रावधान 6 दिसंबर से लागू होगा, जो SEBI के डेरिवेटिव बाजार में जोखिम मैनेजमेंट से जुड़े बड़े बदलावों का हिस्सा है. Stock Exchange और क्लियरिंग कॉर्पोरेशन जैसे Market Infrastructure Instituition (MIIs) को कहा गया है कि वे एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) जारी करें और सिस्टम में जरूरी बदलाव करें, ताकि नए नियमों को आसानी से लागू किया जा सके.