Hindenburg Research Report On Adani In Hindi, Adani Company Shares News, SEBI chief Madhabi Buch: Hindenburg Research की सनसनीखेज रिपोर्ट में सेबी चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। हालांकि सेबी चेयरपर्सन ने इन दावों को खारिज करते हुए इसे चरित्र हनन का प्रयास बताया है। वहीं विपक्ष ने इस मामले पर सरकार को घेरा है। विपक्ष ने माधवी पुरी और उनके पति के खिलाफ तत्काल जांच की मांग की है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने शनिवार रात बयान जारी कर कहा कि लंबे समय से सेबी अडानी ‘मेगा घोटाले’ की जांच करने से कतराती रही है।
Hindenburg Research Report On Adani In Hindi | SEBI chief Madhabi Buch
संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की भी मांग की गई। उन्होंने कहा, सुप्रीम कोर्ट की एक विशेषज्ञ समिति ने विशेष रूप से संज्ञान लिया था। इसने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि सेबी ने 2018 में विदेशी फंड के अंतिम लाभार्थी से संबंधित रिपोर्टिंग आवश्यकताओं पर जोर दिया था और 2019 में इसे पूरी तरह से हटा दिया था।
समिति के मुताबिक इससे बाजार नियामक के हाथ इस हद तक बंध गए हैं कि उसे गलत कामों का संदेह तो है लेकिन संबंधित नियमों की विभिन्न शर्तों का पालन भी करना पड़ रहा है। ऐसे में सेबी इस मामले में किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है। रमेश ने आगे कहा, जनता के दबाव में अडानी की कंपनी को भारी नुकसान होने के बाद सेबी बोर्ड ने 28 जनवरी 2023 को सख्त रिपोर्टिंग नियमों को फिर से लागू किया। इसने 25 अगस्त 2023 को विशेषज्ञ समिति को बताया कि 13 संदिग्ध लेन-देन की जांच की जा रही है लेकिन इसमें कोई सफलता नहीं मिली है।
Hindenburg Research Report On Adani In Hindi | SEBI chief Madhabi Buch
हिंडनबर्ग रिसर्च के दावे से पता चलता है कि सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी और उनके पति ने बरमूडा और मॉरीशस स्थित एक ही ऑफशोर फंड में निवेश किया था। माना जाता है कि इन फंडों का इस्तेमाल सेबी के नियमों का उल्लंघन करते हुए अडानी समूह की कंपनियों में बड़ी हिस्सेदारी हासिल करने के लिए किया गया था। हैरान करने वाली बात यह है कि इन फंडों में बुच की वित्तीय हिस्सेदारी होगी।
उन्होंने कहा, सेबी चेयरपर्सन बनने के तुरंत बाद 2022 में गौतम अडानी की माधवी पुरी बुज के साथ लगातार बैठकें भी सवाल खड़े करती हैं। उस समय सेबी कथित तौर पर अडानी के लेन-देन की जांच कर रही थी। सरकार को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। इसमें देश के बड़े अधिकारी शामिल नजर आ रहे हैं। अडानी महाघोटाले की व्यापक जांच के लिए जेपीसी गठित करके ही इसका समाधान किया जा सकता है।
टीएमसी की महुआ मोइत्रा ने भी कहा कि अडानी स्टाइल में सेबी चेयरपर्सन भी इस समूह में निवेशक हैं। उन्होंने कहा कि इसकी जांच सीबीआई और ईडी से कराई जानी चाहिए। अमेरिका स्थित शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों का हवाला देते हुए दावा किया है कि सेबी चेयरपर्सन और उनके पति ने उन फंडों में निवेश किया था, जिनमें अडानी पर अनियमितताओं का आरोप है। हिंडनबर्ग ने गौतम अडानी के कथित घोटाले का दावा किया था, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को जांच के आदेश दिए थे।