Scooty-bikes ABS mandatory: भारत सरकार ने सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। 1 जनवरी 2026 से देश में बिकने वाले सभी नए दोपहिया वाहनों, चाहे वे मोटरसाइकिल हों या स्कूटर, में एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS) अनिवार्य होगा। इसके साथ ही, प्रत्येक नए दोपहिया वाहन के साथ दो BIS (भारतीय मानक ब्यूरो) प्रमाणित हेलमेट देना भी निर्माताओं के लिए जरूरी होगा। यह नियम सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) द्वारा लागू किया जा रहा है, ताकि दोपहिया वाहन चालकों की सुरक्षा को और मजबूत किया जा सके।
ABS क्यों है जरूरी?
एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS) एक ऐसी तकनीक है जो अचानक या तेज ब्रेक लगाने पर पहियों के लॉक होने को रोकती है। यह वाहन को फिसलने और दुर्घटना होने से बचाता है, खासकर गीली सड़कों या खराब परिस्थितियों में। ABS पहियों की गति को लगातार मॉनिटर करता है और ब्रेक प्रेशर को तेजी से नियंत्रित करता है, जिससे चालक वाहन पर नियंत्रण बनाए रख सकता है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में सड़क हादसों में दोपहिया वाहनों की हिस्सेदारी लगभग 44% है, और ABS से हादसों का जोखिम 45% तक कम हो सकता है।
नए नियम का दायरा
वर्तमान में, ABS केवल 125cc से ऊपर की बाइकों के लिए अनिवार्य है, जिसका मतलब है कि करीब 40% दोपहिया वाहन इस सुरक्षा सुविधा से वंचित हैं। नए नियम के तहत, 75cc से लेकर सभी इंजन क्षमता वाले दोपहिया वाहनों में ABS जरूरी होगा। इसका असर खास तौर पर एंट्री-लेवल मॉडल्स जैसे हीरो स्प्लेंडर, टीवीएस स्कूटी, और होंडा एक्टिवा पर पड़ेगा, जो अब तक ड्रम ब्रेक के साथ आते थे। इसके लिए निर्माताओं को ड्रम ब्रेक की जगह डिस्क ब्रेक लगाने और असेंबली लाइन में बदलाव करने होंगे, जिससे वाहनों की कीमत में बढ़ोतरी हो सकती है। अनुमान है कि डिस्क ब्रेक वाले वाहनों की कीमत में 2,000-3,000 रुपये और ड्रम ब्रेक वाले मॉडल्स में 5,000-7,000 रुपये की वृद्धि हो सकती है।
दो BIS-प्रमाणित हेलमेट अनिवार्य
ABS के साथ-साथ, सरकार ने दोपहिया वाहनों के खरीदारों के लिए दो BIS-प्रमाणित हेलमेट देना भी अनिवार्य किया है—एक चालक के लिए और एक पिलियन (पीछे बैठने वाले) के लिए। अभी तक, ज्यादातर डीलर केवल एक हेलमेट प्रदान करते थे, जो अक्सर निम्न गुणवत्ता का होता था। नए नियम के तहत, केवल BIS-प्रमाणित हेलमेट ही दिए जाएंगे, जो सड़क दुर्घटनाओं में सिर की चोटों को कम करने में मदद करेंगे।
यह कदम सड़क सुरक्षा के लिए एक सकारात्मक पहल माना जा रहा है, क्योंकि भारत में दोपहिया वाहनों से जुड़े हादसों में ब्रेकिंग से संबंधित स्किडिंग और सिर की चोटें प्रमुख कारण हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि इस नियम से एंट्री-लेवल दोपहिया वाहनों की कीमतें बढ़ेंगी, जो कुल घरेलू बिक्री का लगभग 75% हिस्सा हैं। FY25 में, 92.6 लाख मोटरसाइकिल और 68.5 लाख स्कूटर बिके, जिनमें 75cc से 125cc के मॉडल की हिस्सेदारी दो-तिहाई थी। कीमतों में वृद्धि से 2026 में बिक्री पर असर पड़ सकता है, खासकर किफायती सेगमेंट में।
सड़क परिवहन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “लगभग सभी दोपहिया वाहन 70 किमी/घंटा की रफ्तार हासिल कर सकते हैं, इसलिए ABS जैसी सुरक्षा सुविधा बेहद जरूरी है।” मंत्रालय जल्द ही इस नियम को अधिसूचित करेगा, और यह केवल 1 जनवरी 2026 से निर्मित नए वाहनों पर लागू होगा।
यह नया नियम न केवल सड़क हादसों को कम करने में मदद करेगा, बल्कि दोपहिया वाहन चालकों को अधिक आत्मविश्वास के साथ सवारी करने का मौका देगा। हालांकि, उपभोक्ताओं को कीमतों में बढ़ोतरी के लिए तैयार रहना होगा।