स्कूल ओपन अलर्ट: मॉम्स कैसे शेड्यूल करें बच्चों का स्कूल डिसिप्लिन टाइम टेबल

School Open Alert

School Open Alert: स्मार्ट मॉम्स जहां तरफ अपना डेली रूटीन जहां टाइट करने की प्लानिंग कर रही हैं वहीं अपने बच्चों को लेकर भी उनका समर वेकेशन वाला टाइम टेबल सेट करने की जुगत लड़ाने लगी हैं।

क्योंकि अब कुछ ही दिनों में गर्मियों की छुट्टियां खत्म होते ही स्कूल फिर से खुलने वाले हैं और बच्चों को फिर से रूटीन में लाना हर मॉम के लिए एक चुनौती की तरह है।

सुबह की भागदौड़, होमवर्क का टाइम, एक्टिविटी शेड्यूल, और घर को संभालना,इन सबको बैलेंस करना आसान नहीं। ऐसे में एक प्रैक्टिकल और डिसिप्लिन टाइम टेबल ही बच्चों और मॉम्स की दिनचर्या को सहज बना सकता है।

इससे न केवल बच्चों में जिम्मेदारी आएगी बल्कि यह मॉम्स की पेरेंटिंग को भी आसान बनाता है लेकिन जो अभी भी अपने वेकेशन वाला टाइम फॉलो कर रही हैं ये लेख उनके लिए खास होगा क्योंकि बच्चों के साथ मॉम्स की सहूलियत को ध्यान में रखकर ही ये लिखा गया है इस इसे पढ़ें और अपना भी टाइम डिसिप्लिन करें।

अब समय है कि बच्चों को समय पर सोना और उठना सिखाएं

एक सप्ताह पहले से ही सोने और उठने का रूटीन बनाएं।छुट्टियों के बाद सबसे पहले बच्चों की नींद की आदत सुधारें।स्क्रीन टाइम को नियंत्रित करें ताकि नींद में बाधा न आए।

सुबह का टाइम टेबल बनाएं और फॉलो करें

ब्रश, फ्रेशअप, नाश्ता और यूनिफॉर्म पहनने के लिए समय निर्धारित करें।अलार्म या वॉल चार्ट की मदद से बच्टाचों को खुद टाइम-मैनेजमेंट सिखाएं। स्कूल बैग और लंच की तैयारी रात में ही करेंकिताबें, ड्रेस और लंच को रात में ही तैयार करें ताकि सुबह की हड़बड़ी कम हो।बच्चों को भी इन कार्यों में शामिल करें, इससे जिम्मेदारी आएगी।


बच्चों के स्कूल से लौटने के बाद का रूटीन

15-30 मिनट का रेस्ट टाइम दें। स्नैक्स के बाद होमवर्क टाइम फिक्स करें। टीवी या मोबाइल देखने का समय सीमित करें।

एक्टिविटीज और खेल को भी जगह दें

खेलना भी उतना ही जरूरी है जितना पढ़ाई। बाहर के खेल या क्रिएटिव एक्टिविटीज़ के लिए 1 घंटा निश्चित करें।

रात का रिवीजन टाइम

सोने से पहले दिन भर की पढ़ाई की 15 मिनट का रिवीजन करवाएं। इसके बाद बिस्तर की तैयारी और हल्की बातचीत से बच्चों को रिलैक्स करें।

मॉम्स के लिए कुछ उपयोगी टिप्स

  • बच्चे के टाइम टेबल को वॉल पर लगाएं ताकि वो खुद भी इसे फॉलो कर सके।
  • हर सप्ताह बच्चे के साथ बैठकर टाइम टेबल में ज़रूरी बदलाव करें।
  • तारीफ़ और मोटिवेशन से बच्चे में समय के प्रति रुचि बढ़ाएं।
  • खुद भी उसी रूटीन को थोड़े बहुत फॉलो करें ताकि बच्चों को प्रेरणा मिले।

विशेष :- बच्चों का डिसिप्लिन टाइम टेबल एक तरह से उनका भविष्य गढ़ता है। मॉम्स की थोड़ी सी योजना, प्रबंधन और समझदारी बच्चों को आत्मनिर्भर और जिम्मेदार बनाती है। छुट्टियों के बाद स्कूल की नई शुरुआत को खुशहाल और व्यवस्थित बनाना अब आपके हाथों में है।

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