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Supreme Court की Rahul Gandhi को फटकार! कहा- सावरकर के बारे में अब कुछ भी बोला तो…

SC On Rahul Gandhi About Savarkar: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में विपक्ष (LOP) के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की एक महत्वपूर्ण याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court Savarkar Case Rahul Gandhi) में सुनवाई होने जा रही है। यह मामला स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख व्यक्तित्व वीर सावरकर (Veer Savarkar) पर राहुल गांधी (Rahul Gandhi Savarkar Controversy) की कथित टिप्पणी से जुड़ा है, जिसके चलते उनके खिलाफ उत्तर प्रदेश की एक निचली अदालत ने समन जारी किया था। इस समन को रद्द करने की मांग को लेकर राहुल गांधी ने पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) का रुख किया था, लेकिन हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ जारी समन को बरकरार रखा। अब सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई से नया मोड़ आने की उम्मीद जताई जा रही है।

कोर्ट ने कहा कि हम स्वतंत्रता सेनानियों के खिलाफ किसी को अनाप-शनाप बोलने की इजाजत नहीं दे सकते। उन्होंने हमें आजादी दिलाई और हम उनके साथ क्या व्यवहार कर रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर आप आगे से ऐसा कोई बयान देंगे तो हम स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई करेंगे। स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में गैर-जिम्मेदाराना बयान मत दीजिए।

राहुल गाँधी को सावरकर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार

Supreme Court reprimanded Rahul Gandhi in Savarkar case

Supreme Court Hearing, Savarkar Defamation Case: मामले की पृष्ठभूमि यह है कि राहुल गांधी ने एक सार्वजनिक मंच पर वीर सावरकर के बारे में कुछ टिप्पणियां की थीं, जिन्हें शिकायतकर्ताओं ने आपत्तिजनक और सावरकर की छवि को धूमिल करने वाला बताया। इसके आधार पर उत्तर प्रदेश की एक अदालत में उनके खिलाफ मानहानि का मामला (Defamation Case) दर्ज किया गया। राहुल गांधी का पक्ष है कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया और यह मामला उनके खिलाफ राजनीतिक बदले की भावना (Political Vendetta) से प्रेरित है। उन्होंने दावा किया कि उनकी टिप्पणी का उद्देश्य किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था, बल्कि यह ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित थी। दूसरी ओर, शिकायतकर्ताओं का कहना है कि राहुल की टिप्पणी ने न केवल वीर सावरकर (Veer Savarkar Controversy) की छवि को नुकसान पहुंचाया, बल्कि उन लोगों की भावनाओं को भी आहत किया, जो सावरकर को स्वतंत्रता संग्राम का नायक मानते हैं।

सावरकर को लेकर हमेशा हमलावर रहे हैं राहुल

यह मामला केवल कानूनी दायरे तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका राजनीतिक महत्व भी है। राहुल गांधी, जो कांग्रेस पार्टी (Congress Party) के प्रमुख चेहरों में से एक हैं, हाल के वर्षों में अपनी बयानबाजी और विपक्षी नेतृत्व के लिए चर्चा में रहे हैं। उनकी टिप्पणियां अक्सर सत्तारूढ़ दल और अन्य संगठनों के निशाने पर रहती हैं। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला उनकी राजनीतिक छवि (Political Image) और कांग्रेस की भविष्य की रणनीति पर गहरा प्रभाव डाल सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सुप्रीम कोर्ट राहुल गांधी के पक्ष में फैसला सुनाता है, तो यह उनके लिए एक बड़ी राहत होगी। वहीं, अगर समन बरकरार रहता है, तो यह उनके लिए कानूनी और राजनीतिक चुनौतियां बढ़ा सकता है। (Rahul Gandhi Politics, Supreme Court Verdict)

सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के दौरान यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि अदालत इस मामले को कैसे देखती है। क्या इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (Freedom of Speech) के दायरे में माना जाएगा, या फिर इसे मानहानि के रूप में परिभाषित किया जाएगा? राहुल गांधी के वकीलों की दलील है कि उनके मुवक्किल ने कोई ऐसी टिप्पणी नहीं की, जो कानूनी रूप से आपराधिक हो। वहीं, दूसरी ओर शिकायतकर्ता इस बात पर जोर दे रहे हैं कि राहुल की टिप्पणी ने सामाजिक और सांस्कृतिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई।

इस मामले ने पहले ही राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा रखी है। कांग्रेस ने इसे राहुल गांधी को निशाना बनाने की साजिश करार दिया है, जबकि सत्तारूढ़ दल और उनके समर्थक इसे सावरकर के सम्मान का मुद्दा बता रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे को लेकर बहस छिड़ी हुई है, जहां कुछ लोग राहुल के समर्थन में हैं, तो कुछ उनकी टिप्पणी की आलोचना कर रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट का आज का फैसला न केवल इस मामले के भविष्य को तय करेगा, बल्कि यह भी स्पष्ट करेगा कि ऐतिहासिक व्यक्तित्वों पर टिप्पणी करने की सीमा क्या होनी चाहिए। सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि क्या राहुल गांधी को राहत मिलेगी, या फिर यह मामला और जटिल होगा।

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