Kolkata Doctor Murder Case: फिर दुष्कर्म का इंतजार नहीं किया जाएगा,सुप्रीम कोर्ट ने national task force का किया गठन।

SC on Kolkata Doctor Murder Case : कोलकाता में एक महिला प्रशिक्षु डॉक्टर से बलात्कार के मामले की आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया है। कोर्ट ने इस मामले पर राज्य सरकार, पुलिस और अस्पताल प्रशासन से कड़े सवाल पूछे। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आठ सदस्यीय राष्ट्रीय टास्क फोर्स के गठन का भी आदेश दिया है।

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सुप्रीम कोर्ट (SC on Kolkata Doctor Murder Case) ने पूछा कि प्रिंसिपल क्या कर रहे थे।कोर्ट ने पूछा कि पुलिस ने क्राइम सीन की सुरक्षा क्यों नहीं की। एफआईआर दर्ज करने में देरी क्यों हुई। साथ ही कोर्ट ने कहा कि अस्पताल में चल रहे डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन को जबरन आरजी दर्ज करके नहीं रोका जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने 22 अगस्त को सीबीआई स्टेटस रिपोर्ट तलब करने का आदेश दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई अब 22 अगस्त को होगी।

कोर्ट ने डॉक्टरों की सुरक्षा पर चिंता जताई

कोर्ट ने कहा कि यह सिर्फ हत्या का मामला नहीं है. कोर्ट ने डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर भी चिंता जताई है। साथ ही कोर्ट ने सोशल मीडिया पर पीड़िता की पहचान उजागर करने पर भी चिंता जताई है। सीजेआई ने पूछा कि क्या यह सच है कि पीड़िता के परिवार को शव देखने नहीं दिया गया। इस पर पश्चिम बंगाल सरकार के वकील ने कहा कि इस तरह के आरोप सही हैं। कोर्ट ने पूछा कि शव अभिभावक को सौंपने के साढ़े तीन घंटे बाद एफआईआर क्यों दर्ज की गई।

राज्यपाल बोस राष्ट्रपति से मिलेंगे

सूत्रों के मुताबिक पूर्व प्रिंसिपल गलत जानकारी दे रहे हैं। उनके बयान में विसंगतियां हैं। वहीं, बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने दिल्ली पहुंच गए हैं। जानकारी के मुताबिक राज्यपाल बोस गृह मंत्री अमित शाह और स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से भी मुलाकात कर सकते हैं।

ममता सरकार में महिलाएं असुरक्षित: राज्यपाल

सोमवार को राज्यपाल ने बंगाल में कानून व्यवस्था की स्थिति पर चिंता जताई। उन्होंने राजभवन में महिला नेताओं और डॉक्टरों से मुलाकात की। राज्यपाल ने कहा कि बंगाल महिलाओं के लिए सुरक्षित जगह नहीं है। मौजूदा सरकार ने राज्य को महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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