भारत के सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही (Q4 FY25) के परिणामों की घोषणा 3 मई 2025 को की। इस तिमाही में बैंक का नेट प्रॉफिट (Net Profit) 10% घटकर ₹18,643 करोड़ रहा, जो पिछले साल की समान तिमाही में ₹20,698 करोड़ था। हालांकि, बैंक ने निवेशकों के लिए ₹15.90 प्रति शेयर का डिविडेंड (Dividend) घोषित किया, जो 12 साल में सबसे अधिक है। आइए, विस्तार से जानते हैं इस तिमाही के प्रमुख आंकड़ों और अपडेट्स को।
नेट इंटरेस्ट इनकम में मामूली वृद्धि
SBI की नेट इंटरेस्ट इनकम (NII) में 2.7% की वृद्धि दर्ज की गई, जो ₹41,655 करोड़ से बढ़कर ₹42,775 करोड़ हो गई। इसके साथ ही, बैंक का इंटरेस्ट इनकम (Interest Income) 7.7% बढ़कर ₹1,19,666 करोड़ तक पहुंच गया। यह वृद्धि बैंक की मजबूत लोन बुक और डिपॉजिट ग्रोथ (Loan Book and Deposit Growth) का परिणाम है। विश्लेषकों का अनुमान था कि NII ₹42,740 करोड़ के आसपास रहेगा, जिसमें बैंक ने थोड़ा बेहतर प्रदर्शन किया।
परिचालन लाभ में 8.83% की बढ़ोतरी
SBI का परिचालन लाभ (Operating Profit) इस तिमाही में 8.83% बढ़कर ₹31,286 करोड़ हो गया। पूरे वित्त वर्ष 2025 के लिए बैंक का परिचालन लाभ ₹1,10,579 करोड़ रहा, जो साल-दर-साल (Year-on-Year) 17.89% की वृद्धि दर्शाता है। यह बैंक की परिचालन दक्षता (Operational Efficiency) और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन (Digital Transformation) के प्रयासों का नतीजा है।
एसेट क्वालिटी में सुधार
SBI की एसेट क्वालिटी (Asset Quality) में उल्लेखनीय सुधार देखा गया। ग्रॉस नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (Gross NPA) 8.78% घटकर ₹76,880 करोड़ हो गए। ग्रॉस NPA अनुपात (Gross NPA Ratio) 1.82% रहा, जो पिछले साल की तुलना में 42 बेसिस पॉइंट्स (Basis Points) बेहतर है। नेट NPA (Net NPA) भी 0.53% से घटकर 0.47% हो गया, जो बैंक की रिकवरी और रिस्क मैनेजमेंट (Risk Management) रणनीतियों की मजबूती को दर्शाता है।
डिविडेंड और फंडरेजिंग की योजना
SBI के बोर्ड ने ₹15.90 प्रति शेयर का डिविडेंड (Dividend) घोषित किया, जो 1590% के डिविडेंड परसेंटेज (Dividend Percentage) के बराबर है। यह पिछले 12 वर्षों में बैंक का सबसे बड़ा डिविडेंड है। इसके अलावा, बैंक ने वित्त वर्ष 2025-26 में ₹25,000 करोड़ तक की इक्विटी पूंजी जुटाने (Equity Capital Raise) की योजना को मंजूरी दी। यह फंडरेजिंग फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (FPO), राइट्स इश्यू (Rights Issue), या क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP) जैसे तरीकों से हो सकता है।
विश्लेषकों की प्रतिक्रिया और भविष्य का आउटलुक
विश्लेषकों का कहना है कि SBI के परिणाम उम्मीद से बेहतर रहे, खासकर NII और एसेट क्वालिटी (Asset Quality) के मामले में। हालांकि, नेट प्रॉफिट में गिरावट के कारण कुछ निवेशकों में चिंता है, जो प्रोविजनिंग लागत (Provisioning Costs) और मार्जिन प्रेशर (Margin Pressure) से जुड़ी है। बैंक की क्रेडिट कॉस्ट (Credit Cost) सामान्य हो रही है, और अगले कुछ वर्षों में 9% की कमाई वृद्धि (Earnings CAGR) की उम्मीद है।
शेयर बाजार पर प्रभाव
SBI के शेयरों में परिणामों के ऐलान से पहले 3 मई को 1% से अधिक की तेजी देखी गई। परिणामों के बाद, शेयर की कीमत (Share Price) में 7.78% की उछाल दर्ज की गई, और यह ₹850 पर बंद हुआ। तकनीकी विश्लेषकों का मानना है कि ₹780-770 के स्तर पर शेयर में खरीदारी का अवसर है, और यह जल्द ही ₹875 तक पहुंच सकता है।
SBI ने Q4 FY25 में मिले-जुले परिणाम पेश किए, जहां नेट प्रॉफिट में गिरावट के बावजूद NII, ऑपरेटिंग प्रॉफिट, और एसेट क्वालिटी में सुधार देखा गया। ₹15.90 के डिविडेंड और ₹25,000 करोड़ की फंडरेजिंग योजना ने निवेशकों का भरोसा बढ़ाया है। बैंक की मजबूत क्रेडिट विस्तार (Credit Expansion) और डिजिटल पहल (Digital Initiatives) इसे भविष्य में स्थायी विकास (Sustainable Growth) के लिए अच्छी स्थिति में रखती हैं।