सावन शिवरात्रि। सावन का पूरा महीना यू तो भगवान शिव और माता पार्वती का विशेष मास मनाया गया है। जिसके चलते शिव भक्त भगवान भोले नाथ की पूजा में जुटे हुए है। तो वही हिंदू पंचागों में भगवान शिव के कुछ विशेष दिन भी बताए गए है। उनमें से सावन शिवरात्रि भी है। ज्ञाताओं के अनुसार महाशिवरात्रि और सावन शिवरात्रि दोनों ही भगवान शिव को समर्पित हैं, लेकिन इनके समय और महत्व में अंतर है। श्रावण मास में मनाई जाने वाली सावन शिवरात्रि शिव भक्तों के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है। इसके विपरीत, महाशिवरात्रि शिव और शक्ति के दिव्य मिलन का प्रतीक है, जो ब्रह्मांडीय संतुलन का प्रतीक है।
23 जुलाई को होगी सावन शिवरात्रि
हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन माह की शिवरात्रि कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाएगी. सावन शिवरात्रि तिथि की शुरुआत 23 जुलाई को सुबह 4 बजकर 39 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 24 जुलाई को अर्धरात्रि में 2 बजकर 24 मिनट पर होगा
क्यों खास है सावन शिवरात्रि
यह उनकी भक्ति, समर्पण और तपस्या का प्रतीक होता है। सावन शिवरात्रि भगवान शिव की कृपा पाने का एक सुनहरा अवसर है। इस दिन सच्चे मन से पूजा, उपवास और मंत्र जाप करने से जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं और शिव की अपार कृपा प्राप्त होती है। यह मूलतः देवता के लिए एक निर्णायक अवसर है, और इसे एक अत्यंत शुभ अवसर माना जाता है । हिंदू धर्म का पालन करने वाला प्रत्येक व्यक्ति इसे एक अविस्मरणीय अवसर मानता है, और यह सुनिश्चित करता है कि वह किसी भी कीमत पर इसमें शामिल हो।