सतना थप्पड़ कांड: सांसद गणेश सिंह के खिलाफ क्या कार्रवाई होगी?

Satna Thappad Kand Update: चाणक्य ने कहा है राजनीती में हर कदम फूंक-फूंक कर चलना चाहिए, लेकिन सतना सांसद गणेश सिंह (Satna MP Ganesh Singh) के कदम लड़खड़ा गए तो उन्होंने हाथ ही छोड़ दिया। बात ये भी सही है कि जब अचानक आपके साथ कोई हादसा हो जाए तो उस वक़्त इंसान सब कुछ भूल जाता है, सांसद गणेश सिंह (Ganesh Singh Satna) के साथ भी वही भूल हुई लेकिन उस भूल को सुधारने के लिए फिर जो जो किया गया उसने तूल पकड़ लिया.

1 नवंबर को सतना में अंबेडकर प्रतिमा के माल्यापर्ण के बाद जो थप्पड़ (Satna Ganesh Singh Slap Video) कांड हुआ उसके बाद आरोप-प्रत्यारोप का लेवल इतनी पीक में पहुंच गया है कि जिसके मन में जो आ रहा है बस कह रहा है। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी (Jitu Patwari Satna CSP Video) सतना सीएसपी को 50 हजार लोगों की भीड़ वाली धमकी दे रहे हैं तो बीजपी (Satna BJP) कह रही है क्रेन का अटकना कोई मशीनरी फाल्ट नहीं था सांसद का मर्डर प्लान था.

इधर क्रेन ऑपरेटर गणेश कुशवाहा (Ganesh Kushwaha Satna Nagar Nigam) ने पुलिस को दिए शिकायती आवेदन में अज्ञात लोगों पर उसका अपहरण कर, सांसद के पक्ष में बयान देने का दवाब बनाने का आरोप लगाया था. थप्पड़ कांड के बाद डरे-सहमे निगमगर्मी का वीडियो सामने आया था जिसमे वह कह रहा था कि सांसद हमारे बड़े भाई हैं, उन्होंने मारा नहीं था बल्कि कंधे में हाथ थपथपाया था. क्रेन ऑपरेटर का कहना है कि यह वीडियो उसे अगवा कर जबरन बनवाया गया था.

इसके बाद सतना MLA सिद्धार्थ कुशवाहा (Satna Congress MLA Siddharth Kushwaha), क्रेन ऑपरेटर गणेश को साथ लेकर सांसद गणेश के खिलाफ (FIR Against Satna MP Ganesh Singh) FIR दर्ज करवाने के लिए कोलगवां थाने पहुंच गए। पीड़ित निगम गर्मी को उसके परिवार के साथ थाने तक फॉर्च्यूनर गाड़ी से ले जाया गया. इसी दौरान MLA सिद्धार्थ कुशवाहा इतने आवेश में आ गए कि उन्होंने CSP के पास पहुंचकर सीधा जीतू पटवारी को फोन घुमा दिया, जीतू पटवारी को तो मालूम नहीं था कि उनके समर्थक इस पूरी कंवर्शेशन का वीडियो बना रहे हैं और यहीं कांग्रेस विधायक ने अपने चीफ की भद्द पिटवा दी

अब वकालत की पढ़ाई किए जीतू पटवारी को इतना तो मालूम होना चाहिए था कि BNS में पुलिस जाँच के लिए 15 दिन की अवधि का प्रावधान है इसी के बाद FIR होती है लेकिन नेता तो नेता किसी का हाथ छूट जाता है तो किसी की बेमतलब की बात.

इधर सतना बीजेपी (Satna BJP President) के लोग अलग ही बात कर रहे हैं. उनका कहना है कि क्रेन अटकने से हमारे सांसद को भी तो कंधे में चोट आई है, यानी उनपर भी हमला हुआ है. सतना बीजेपी अध्यक्ष भगवती पांडेय (Satna BJP Bhagwati Pandey) ने तो इस घटना को ‘हत्या की साजिश घोषित कर दिया, उनका कहना है कि हमने तो क्रेन मंगवाई ही नहीं थी, और क्रेन आई तो उसने जानबूझकर कुशवाहा समाज के ऑपरेटर को भेजा गया ताकि ये घटना हो.

पता नहीं बीजेपी ऐसी साजिश होने का अंदेशा क्यों जता रही है क्योंकी सतना के महापौर खुद भाजपाई हैं। खैर जैसा कि हमने पहले कहा आरोप-प्रत्यारोप का लेवल ऐसा हो गया है कि कोई कुछ भी कहे जा रहा है. जिस दिन यह घटना हुई उस दिन सतना की एक और बीजेपी नेत्री नीता सोनी ने कहा था कि सांसद ने तो थप्पड़ बस मारा, उसके तो हाथ-पैर ही तोड़ देने चाहिए थे. सांसद गिर जाते तो कौन जिम्मेदार होता?

बीजेपी नेत्री का सवाल तो लाजमी था, सांसद गिर जाते तो कौन जिम्मेदार होता? वैसे जिस क्रेन में सांसद चढ़कर माला चढाने गए थे वो बिजली के खम्बों तक पहुंचने के लिए इस्तेमाल में आती है, एक लाइन मैन उसमे चढ़ता है और जरूरत पड़ी तो ज्यादा से ज्यादा 2, लेकिन माला चढाने के लिए राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी, सांसद गणेश सिंह, भाजपा जिला अध्यक्ष भगवती पांडेय उसमे चढ़ गए, यहां किसकी जिम्मेदारी थी? 125 किलो की क्षतमा वाली हाइड्रोलिक क्रेन और कितना भार सहती? देखा जाए तो यहां क्रेन से ज्यादा भारी वो थप्पड़ था।

इधर नगर निगम की विद्युत् शाखा में मस्टर कर्मचारी गणेश कुशवाहा और उसके परिवार को जानमाल का ख़तरा सता रहा है. पहले तो उसे सरेआम थप्पड़ पड़ा, फिर उसे नेता जी के चहेतों ने पकड़कर जबरन बयान दिलवा दिया, और अब उसके कंधे में बन्दूक रखकर सांसद पर निशाना साधा जा रहा है। क्रेन ऑपरेटर को लगता है कि वह अपने आत्मसम्मान की लड़ाई लड़ रहा है लेकिन उसे पता नहीं है कि यह सिर्फ नेताओं की सोशल मीडिया के लिए सिर्फ एक रील का कंटेंट है. क्योंकी अगर उन्हें वाकई किसी पिछड़े तबके के मस्टर कर्मचारी के स्वाभिमान की इतनी ही चिंता होती तो वह दमोह में जाकर पीड़ित के चाचा के कान में यह न कहते कि.गू खा लेना

वैसे सरकरी कर्मचारी पर हाथ उठाना कानूनी रूप से अपराध तो है, गणेश सिंह के खिलाफ वो वीडियो सबूत भी है। लेकिन वे चाहते तो अपनी मानवीय भूल को मानवता दिखाते हुए सुधार सकते थे खैर इधर कोंग्रेसी बवाल काटे हैं, दोनों पक्ष की शिकायतें थाने में लिखवाई गई हैं अब पुलिस आगे क्या एक्शन लेती है ये जांच के बाद पता चलेगा।

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