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रीवा में नरवाई जलाने की सेटेलाइट से निगरानी, 8 घटनायें हुई दर्ज

narawai jalane par

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रीवा। फसल कटने के बाद उसके शेष बचे अवशेष नरवाई के रूप में मिट्टी का कवच बने हुए हैं। नरवाई में किसान आग लगाकर उसे जलाने का काम कर रहे है, लेकिन किसानों का यह कदम प्रदूषण के रूप में आफत बन रहा है तो इससे खेत के पोषक तत्व कहे जाने वाले कीट पंतगे भी नष्ट हो रहे है। राज्य सराकर ने हाल ही में निर्देश जारी किए है कि अगर कोई भी नरवाई जलता है तो सरकार की ओर से मिलने वाली किसानों की सुविधा बंद कर दी जाएगी। इसका असर भी अब दिखने लगा है। रीवा प्रशासन ने सैटेलाइट के माध्यम से जिले भर में निगरानी कर रहा है। रीवा जिले में 24 अप्रैल को सेटेलाइट के माध्यम से प्राप्त सूचना के अनुसार विभिन्न तहसीलों में 8 स्थानों पर आग लगने की घटनाएं दर्ज हुई हैं।

यहा दर्ज हुई घटनाएं

इस संबंध में उप संचालक कृषि यूपी बागरी ने बताया कि 24 अप्रैल को जिले की सेमरिया तहसील में ग्राम छिती 158 तथा कुम्हरा जुड़वानी, त्योंथर तहसील में ग्राम गोड़कला, कोनियाखुर्द, कोटा खुर्द, कोटरा खुर्द, मदरो एवं टगहा में नरवाई जलाने की घटनायें दर्ज हुई हैं। पूरे जिले में नरवाई जलाने पर प्रतिबंध है। नरवाई जलाने वाले किसानों पर प्रकरण दर्ज कर दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी। उप संचालक ने संबंधित क्षेत्र के तहसीलदारों से आग लगने की घटना का सत्यापन करके अधिनियम के प्रावधानों के तहत दण्डात्मक कार्यवाही का अनुरोध किया है।

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