Delhi का Sarai Kale Khan Chowk हुआ Birsa Munda Chowk

Sarai Kale Khan Chowk, Birsa Munda Chowk Delhi News

Sarai Kale Khan Chowk, Birsa Munda Chowk Delhi News | राजधानी दिल्ली से बड़ी खबर सामने आ रही है। आपको बता दें की दिल्ली के सराय काले खां चौक का नाम अब बिरसा मुंडा चौक हो गया है. केंद्र की मोदी सरकार ने आदिवासी महापुरुष और क्रांतिकारी बिरसा मुंडा (Birsa Munda) की 150वीं जयंती के अवसर पर ये ऐलान किया.

आइये जानते हैं सराय काले खां चौक के बारे में… इतिहासकार बताते हैं की शेरशाह सूरी के समय में सड़कों का मुकम्‍मल जाल बिछाया गया उसको बाद में जीटी रोड कहा गया. बताया जाता है की उस दौर में ही सबसे पहले सराय शब्‍द शुरू हुआ. शेरशाह सूरी ने जब सड़कें बनवाईं तो उसने यात्रियों/कारवां/सैनिकों के रुकने-ठहरने के लिए हर 12 मील पर एक सराय भी बनवाई.

जानकारी के अनुसार 14-15वीं सदी के मध्‍य सूफी संत काले खां हुए जोकि अक्‍सर अन्‍य सूफियों के साथ इस सराय में रुकते थे. लोदी काल में एक काले खां का गुंबद भी बनवाया गया. उस समय से ही इस सराय का नाम सराय काले खां चौक रख दिया गया था।

Birsa Munda Chowk Delhi | क्‍यों रखा गया बिरसा मुंडा चौक?

Home Minister Amit Shah ने दिल्‍ली के रिंग रोड स्थित बांसेरा पार्क के प्रवेश द्वार पर महान आदिवासी नेता बिरसा मुंडा (tribal leader Birsa Munda) की 150वीं जयंती पर उनकी प्रतिमा का अनावरण किया और कहा कि 15 नवंबर 2025 तक पूरा वर्ष ‘‘आदिवासी गौरव दिन’’ ​​के रूप में मनाया जाएगा.

Home Minister Amit Shah ने कहा कि Prime Minister Narendra Modi ने 2021 में घोषणा की थी कि भारत हमेशा इस दिन को ‘‘आदिवासी गौरव दिन’’ ​​के रूप में मनाएगा क्योंकि भगवान बिरसा मुंडा का जन्म इसी दिन झारखंड में हुआ था. शाह ने कहा, ‘‘मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर आज से 15 नवंबर तक पूरा वर्ष आदिवासी गौरव दिन के रूप में मनाया जाएगा.’’

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