Sapta Puri | कौन सी हैं हिंदूधर्म की पवित्र सप्त पुरियां

About Sapta Puri In Hindi: सप्तपुरी दो शब्दों के मेल से बना है। सप्त अर्थात सात और पुरी का अर्थ है नगर, भारत में स्थित सात पवित्र हिंदू तीर्थ स्थानों के समूह को सप्तपुरी कहा जाता है। सप्तपुरियों को मोक्ष देने वाला माना जाता है। अयोध्या, काशी, मथुरा, हरिद्वार, द्वारिका, कांची और अवंतिका को सप्तपुरियां कहा जाता है।

अयोध्या | Sapta Puri

अयोध्या उत्तरप्रदेश में स्थित एक अतिप्राचीन नगर है। इसे प्राचीनकाल में साकेत भी कहा जाता था।

मान्यता है यह भगवान राम का नगर है। त्रेता युग में यहीं भगवान श्रीराम का भी जन्म भी हुआ था।

और वनवास से वापस आने के बाद श्रीराम अयोध्या के राजा भी बने थे।

हिंदुओं के लिए यह नगर अत्यंत पवित्र और आस्था का केंद्र है। भगवान राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान जी के यहाँ सैकड़ों मंदिर हैं।

इसके अलावा यहाँ सरयू नदी में अत्यंत प्राचीन घाट भी निर्मित है।

मथुरा | Sapta Puri

मथुरा भगवान श्रीकृष्ण की नगरी मानी जाती है।

यमुना तट पर स्थित इस नगर में ही मामा कसं के कारागार में श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। भगवान श्री कृष्ण ने यहाँ कई बाल लीलाएँ की थीं।

भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित यहाँ कई सुप्रसिद्ध मंदिर स्थित हैं।

द्वारिका | Sapta Puri

इस नगर का भी संबंध श्रीकृष्ण से ही है।

जहां मथुरा को कृष्ण जी का जन्म स्थल माना जाता है। उसी तरह ही द्वारिका को उनका कर्मस्थल माना जाता है।

कंसवध के बाद जब मथुरा पर बार-बार जरासंध के आक्रमण होने लगे, तो भगवान श्रीकृष्ण अपने पूरे कुटुंब और भाई-बंधुओं के साथ द्वारिका चले गए थे।

द्वारिका एक सुरक्षित स्थल था और चारों तरफ से समुद्र से घिरा हुआ था। इसे द्वारावती भी कहा जाता था।

हरिद्वार | Sapta Puri

गंगा नदी के किनारे स्थित हरिद्वार हिंदुओं का एक प्रमुख तीर्थस्थल है।

जहां पर प्रत्येक 12 वर्ष बाद कुंभ मेला लगता है। इसको कई ग्रंथों में माया और मायापुरी भी कहा गया है।

इसको मोक्ष की नगरी माना जाता है।

काशी | Sapta Puri

काशी को विश्व का सबसे प्राचीनतम नगर माना जाता है।

मान्यता है यह नगर भगवान शिव के त्रिशूल में बसा हुआ है, इसीलिए इसका काभी विनाश नहीं होगा।

भगवान शिव यहाँ अविमुक्तेश्वर और विश्वेश्वर रूप में अवस्थित है।

काशी को वाराणसी या बनारस भी कहा जाता है।

कांची | Sapta Puri

कांची या कांचीपुरम दक्षिण भारत के तमिलनाडु प्रांत में स्थित है।

मंदिरों के अधिकता के कारण ही इस नगर को दक्षिण का काशी भी कहा जाता है।

यहाँ आदिशक्ति देवी को समर्पित एक अत्यंत सुप्रसिद्ध मंदिर है, इसे कामाक्षी अम्मन मंदिर कहा जाता है।

पल्लव, चोल और विजयनगर साम्राज्य के राजाओं के शासनकाल में यहाँ कई मंदिरों का निर्माण हुआ था।

अवंतिका | Sapta Puri

उज्जैन या अवंतिका हिंदू धर्म के सुप्रसिद्ध सात पुरियों में से एक है। यह सुप्रसिद्ध तीर्थ भी है।

यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। उनके महाकाल अवतार की पूजा यहाँ की जाती है।

मान्यता है भगवान ने बालक मार्कन्डेय का उद्धार यहाँ किया था, और उन्हें काल के पाश से बचाया था।

यहाँ भी प्रत्येक 12 वर्ष के बाद शिप्रा नदी के तट पर सिंहस्थ का मेला लगता है।

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