नई दिल्ली। संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो गया। संसद सत्र से पहले प्रधानमंत्री ने 10 मिनट तक अपनी बात रखते हुए कहा कि शीतकालीन सत्र देश के विकास और मजबूत राष्ट्र का आधार केन्द्र है। विपक्ष इसमें अपनी अंहम भूमिका निभाए और पराजय की निराशा से बाहर निकलकर मजबूत मुद्दे उठाए।
हंगामा देख रोकी गई कार्रवाई
संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होते ही लोकसभा में विपक्ष ने शोर-शराबा करते हुए हंगामा शुरू कर दिए और कई सांसद वेल तक पहुंच गए। इसके बाद स्पीकर ओम बिरला ने कार्यवाही स्थगित कर दी। दरअसल सत्र के पहले दिन से ही हंगामा होने के आसार हैं। विपक्षी दल एसआईआर, आंतरिक सुरक्षा और लेबर कोड पर चर्चा की मांग कर रहे हैं। उधर, राज्यसभा में नए सभापति सीपी राधाकृष्णन का स्वागत किया गया।
19 दिन का है सत्र
शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर से 19 दिसंबर तक चलेगा। 19 दिन के सत्र में 15 बैठकें होंगी। इस सत्र में सरकार की ओर से सदन में परमाणु ऊर्जा क्षेत्र, उच्च शिक्षा ढांचा सुधार और कॉरपोरेट,शेयर बाजार विनियम समेत 10 महत्त्वपूर्ण विधेयक रखने जा रही है। वहीं विपक्ष इस शीतकालीन सत्र में एसआईआर के मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी में हैं। संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार की ओर से परमाणु ऊर्जा विधेयक-2025 के साथ-साथ 9 आर्थिक बिलों को पेश किया जाएगा। इनमें नौ बीमा कानूनों में संशोधन करने वाला एक विधेयक, तंबाकू तथा पान मसाला जैसी हानिकारक वस्तुओं पर कर और उपकर लगाने से संबंधित दो अन्य विधेयक शामिल हैं।
विपक्ष की जबदस्त तैयारी
वहीं विपक्ष की ओर से इस शीतकालीन सत्र में वोट चोरी को एक बड़ा मुद्दा बनाया जाएगा। सर्वदलीय बैठक से पहले कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि सत्र के दौरान विपक्ष निर्वाचन आयोग के साथ मिलीभगत से सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा कथित तौर पर श्वोट चोरीश् किए जाने का मुद्दा उठाएगा।
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