सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह (Sanjay Singh) को जमानत दे दी है. पिछले साल,अक्टूबर में दिल्ली शराब नीति मामले (Delhi Excise Policy Scam) से जुड़े एक मनी लॉन्डरिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें गिरफ्तार किया था. आज की सुनवाई में ED ने उनकी जमानत का विरोध नहीं किया।
कोर्ट ने कहा कि उन्हें कथित घोटाले में संजय सिंह को जमानत देने पर कोई आपत्ति नहीं है. पहले तो ED ने आरोप लगाया था कि संजय सिंह ने निति बनाने और लागू करने में मेन भूमिका निभाई थी, जिससे कुछ शराब बनाने वालों,थोक विक्रेताओं और ख़ुदरा विक्रेताओं को फायदा पहुंचा था.
क्यों गिरफ्तार हुए थे Sanjay Singh?
जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस पीबी वराले की बेंच ने उन्हें नेल तो दे दी,मगर साथ में ये भी कहा कि ये रियायत नज़ीर नहीं बन सकती। जमानत की शर्ते निचली अदालत में तय की जाएगी।
4 अक्टूबर, 2023 को ED ने उनके घर पर छापा मारा था. कई घंटों की पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. राज्यसभा सांसद पर आरोप लगे थे कि उन्होंने कारोबारी दिनेश अरोड़ा से दो किश्तों में 2 करोड़ रुपये लिए थे. ED की पूछताछ में दिनेश अरोड़ा ने बताया था कि वो एक कार्यक्रम के दौरान संजय सिंह से मिले थे. फिर वहां से मनीष सिसोदिया तक पहुंचे। हालांकि,तब आम आदमी पार्टी ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था. ये कहते हुए कि ये दिल्ली चुनाव से पहले फण्ड जुटाने का एक कार्यक्रम था.
बीते छः महीने से संजय सिंह दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद थे.संजय सिंह के वकील ने दलील दी कि मणि लॉन्डरिंग की पुष्टि नहीं हुई है और मनी ट्रेल का भी पता नहीं चला है. इसके बावजूद संजय सिंह को पिछले छः महीने से जेल में ED ने रखा है.
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने इस दलील को रिकॉर्ड किया कि सिंह के पास से कोई पैसा बरामद नहीं हुआ है. फिर बेंच ने ED से पूछा कि आखिर संजय सिंह को अब भी जेल में रखने की क्या जरुरत है?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संजय सिंह अपनी राजनीतिक गतिविधियां जारी रख सकते हैं. अदालत ने ये भी कहा कि कोर्ट ये रिकॉर्ड कर रह है कि रियायत उनके तर्क शुरू करने से पहले दी गई थी.