Samvidhan Hatya Divas पर संजय राउत बोले, ‘अटल बिहारी PM होते तो वो भी लगाते Emergency’

Samvidhan Hatya Divas : 25 जून 1975… को रेडियो पर सरकार की तरफ से एक सूचना प्रसारित की गई थी। इस सूचना में कहा गया था, “देश में आपातकाल लागू हो गया है… घबराने की जरूरत नहीं है।” यह वही दिन था जिसे देश आज भी काले दिवस के रूप में देखता है। इस दिन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने आपातकाल की घोषणा की थी। इमरजेंसी के दौरान मानो भारत रुक गया गया था, लोग अपने ही घरों में कैद थे। बाद में भारतीय जनता पार्टी ने इस दिन को ‘संविधान की हत्या’ के रूप में मनाया। भले ही आपातकाल को लंबा वक्त गुजर चुका है, लेकिन इस दिन को लेकर हर साल दो धारणाएं सामने आती हैं। कोई इसे राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से इंदिरा गाँधी के उस निर्णय को सही मानता है तो कोई इसे लोकतंत्र की हत्या बताता है।

‘आपातकाल’ – हत्या या सुरक्षा (Samvidhan Hatya Divas)

देश में भारतीय जनता पार्टी की सत्ता आने के बाद भारत सरकार ने आपातकाल के दिन को चर्चा का विषय बताया था। भारत सरकार ने आपातकाल को लोकतंत्र की हत्या मानते हुए 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ घोषित कर दिया। अब जैसे-जैसे आपातकाल की बरसी नजदीक आ रही है, देश में सियासी घमासान शुरू हो गया है। पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने आपातकाल को देश की बड़ी हानि कहा है। उन्होंने कांग्रेस सरकार को लोकतंत्र की हत्या का जिम्मेदार बताया।

अटल बिहारी होते तो भी लगता आपातकाल

शनिवार को बीजेपी द्वारा आपातकाल (Samvidhan Hatya Divas) को लेकर कांग्रेस की आलोचना करने पर शिवसेना UBT के नेता संजय राउत ने करारा जवाब दिया। संजय राउत ने भाजपा के दिवंगत प्रधान नेता व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी का नाम लेकर आपातकाल की स्थिति को समझाया। उन्होंने कहा कि बीजेपी के पास कोई काम नहीं है। इसलिए 50 साल पुराने मुद्दे पर सियासत करते हैं। उन्होंने कहा गया कि उस समय इंदिरा गाँधी की जगह अगर अटल बिहारी बाजपेयी प्रधानमंत्री होते तो वह भी आपातकाल लगाते। क्योंकि वह उस समय की मांग की थी। देश की सुरक्षा के लिए आपातकाल लगाना भारत सरकार का सही फैसला था।

देश में बम बन रहें थे, सुरक्षा खतरे में थी…

संजय राउत ने कहा कि ‘इस देश में आपातकाल क्यों लगाया गया था? कुछ लोग देश में अराजकता फैलाना चाहते हैं। रामलीला मैदान से खुला एलान किया गया, हमारे जवानों और सेना को कहा गया कि सरकार के आदेश का पालन न करें। तो ऐसी स्थिति में अगर अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री होते तो वे भी इमरजेंसी लागू कर देते। यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला था, कुछ लोग देश में बम बना रहे थे और विभिन्न जगहों पर बम विस्फोट कर रहे थे। मैं आपको बताना चाहता हूं कि अमित शाह को आपातकाल के बारे में कुछ भी पता नहीं है। बाला साहब ठाकरे ने उस समय आपातकाल का खुलकर समर्थन किया था। आरएसएस ने भी इसका समर्थन किया था।’

RSS ने भी किया था Emergency का समर्थन

ANI को दिए गए इंटरव्यू में संजय राउत ने कहा कि 1975 में लगाए गए आपातकाल का समर्थन आरएसएस ने भी किया था। नरेंद्र मोदी की एंट्री से पहले भाजपा ने कभी आपातकाल को गलत नहीं ठहराया था। खुद अटल बिहारी बाजपेयी ने कभी सदन में आपातकाल पर कोई टिप्पणी नहीं की। यहीं नहीं शिवसेना नेता बालासाहेब ठाकरे ने भी आपातकाल लगाने पर इंदिरा गाँधी का समर्थन किया था। मुंबई में उनका भव्य स्वागत हुआ था। आरएसएस और बाला साहेब ठाकरे ने आपातकाल का समर्थन इसलिए किया था क्योंकि उन्हें पता था देश में अराजकता फैल रही थी, जिसे नियंत्रित करने के लिए आपातकाल जरूरी था।

बीजेपी के 10 साल देश याद रखेगा (Samvidhan Hatya Divas)

संजय राउत ने आगे कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने 10 साल के शासन में केवल जनता को भ्रमित करने का प्रयास किया। अमित शाह और नरेंद्र मोदी से पहले बीजेपी के किसी भी वरिष्ठ नेता ने नहीं कहा था कि संविधान की हत्या की गई थी। वर्तमान की भाजपा संविधान की रक्षक नहीं है। बीजेपी देश में आज अराजकता फैला रही है। देश बीजेपी के 10 साल के कार्यों को याद रखेगी।

जनता की रक्षा संविधान करेगा – प्रियंका गाँधी

मोदी सरकार द्वारा आपातकाल को संविधान हत्या दिवस (Samvidhan Hatya Divas) घोषित करने पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बिजेपी की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि इसमें कोई हैरानी की बात नहीं है। जिन लोगों ने संविधान का विरोध किया और जो संविधान को खत्म करना चाहते हैं, वो लोग ही संविधान हत्या दिवस मना रहें हैं। उन्होंने कहा, “भारत की महान जनता ने ऐतिहासिक लड़ाई लड़कर अपनी आजादी और अपना संविधान हासिल किया है। जिन्होंने संविधान को बनाया, जिनकी संविधान में आस्था है, वे ही संविधान की रक्षा करेंगे।”

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