Sandhya Shantaram Movies: संध्या शांताराम और वी शांताराम की वह क्लासिक फिल्में जो आपको जरूर देखनी चाहिए

Sandhya Shantaram Movies

Sandhya Shantaram Movies: भारतीय सिनेमा के इतिहास में कुछ ऐसे नाम दर्ज हैं जिन्होंने अपने योगदान से फिल्म जगत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। इनमें से एक नाम है वी शांताराम और उनकी पत्नी संध्या शांताराम। जी हां, वी शांताराम महान निर्देशक और अभिनेताओं में से एक थे और उनकी पत्नी संध्या जिनका असली नाम विमला था वह वी शांताराम की प्रेरणा थी। संध्या नृत्य कला में माहिर थी और एक बेहतरीन नृत्यांगना जिसके नृत्य ने भारतीय संस्कृति, लोककला और परंपरा की झलक हमेशा देखने को मिलती थी। और उन्हीं से प्रेरित होकर वी शांताराम एक के बाद एक हिट देते गए।

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वी शांताराम के देहांत के 35 साल बाद हुआ वेटरन कलाकार सन्ध्या शांताराम का निधन

संध्या और वी शांताराम का व्यक्तिगत जीवन भी काफी चर्चित था। दोनों की उम्र में काफी बड़ा अंतर था। परंतु दोनों की जोड़ी सिनेमा और निजी जीवन में बेहद सफल रही। हालांकि वी शांताराम का निधन 30 अक्टूबर 1990 में 88 वर्ष की आयु में हुआ। वही संध्या शांताराम का निधन 4 अक्टूबर 2025 को 93 वर्ष की आयु में हुआ और आज के इस लेख में हम आपको इस बेहतरीन जोड़ी द्वारा निर्देशित और अभिनीत विशेष फिल्मों के बारे में बताएंगे जो आपको जरूर देखनी चाहिए।

संध्या और वी शांताराम की क्लासिकल फिल्में जिसे हर बॉलीवुड प्रेमी को देखना चाहिए

झनक झनक पायल बाजे: यह फिल्म संध्या और वी शांताराम की सबसे लोकप्रिय फिल्मों में गिनी जाती है। नृत्य और संगीत पर आधारित इस फिल्म को बनाया गया है जिसमें भरतनाट्यम और कत्थक जैसे शास्त्रीय नृत्य का बेहतरीन प्रयोग किया गया है। इस फिल्म को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुके हैं।

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दो आंखें बारह हाथ: वी शांताराम द्वारा निर्देशित और अभिनिती यह फिल्म भारतीय सिनेमा की अनूठी कृतियों में से एक है। संध्या ने इसमें लोक गायिका का किरदार निभाया था। फिल्म का ‘ए मालिक तेरे बंदे’ हम आज भी लोगों की जुबान पर चढ़ा हुआ है। इस फिल्म को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी सराहना मिल चुकी है।

नवरंग: रंगों की कल्पना के आसपास बुनी गई यह फिल्म अब तक की क्लासिकल फिल्मों में से एक है। इस फिल्म में भारतीय लोक कला को शानदार तरीके से प्रदर्शित किया गया है। आज भी त्योहार के दौरान लोग इस फिल्म के गीतों को बजाते हैं और उस पर नृत्य करते हैं।

जल बिन मछली नृत्य बिन बिजली: संध्या और वी शांताराम की यह फिल्म नृत्य और नाटक का अद्भुत समावेश थी। फिल्म की कहानी और नृत्य लोगों को इतना पसंद आया था कि लोग इसकी तारीफ करते नहीं थकते थे। फिल्म के दीवानों के लिए आज भी यह एक क्लासिकल फिल्म में गिनी जाती है।

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