MP Scholarship Yojana: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा अंतरित की जाने वाली राशि में स्कूल शिक्षा विभाग की सात प्रकार की छात्रवृत्तियाँ शामिल हैं, जिनमें सामान्य निर्धन वर्ग छात्रवृत्ति, सुदामा प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति, स्वामी विवेकानन्द पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति, सेवानिवृत्त शासकीय कर्मचारियों के बच्चों की छात्रवृत्ति, पितृहीन कन्याओं की छात्रवृत्ति तथा एकलौती बेटी की शिक्षा विकास छात्रवृत्ति की राशि भी सम्मिलित है।
MP Scholarship Yojana: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार, 30 अक्टूबर को भोपाल स्थित मुख्यमंत्री निवास के समत्व भवन सभागार में आयोजित कार्यक्रम में 52 लाख से अधिक पात्र विद्यार्थियों के बैंक खातों में समेकित छात्रवृत्ति योजना के तहत 300 करोड़ रुपये से अधिक की राशि सिंगल क्लिक से हस्तांतरित की। कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह और जनजातीय कल्याण मंत्री कुंवर विजय शाह उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों और जन-समुदाय को वर्चुअली संबोधित किया। कार्यक्रम का लाइव प्रसारण प्रदेश के सभी जिलों के शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों में किया गया। जिला एवं विकासखंड स्तर पर आयोजित समारोहों में पात्र विद्यार्थी शामिल हुए तथा विधायक और अन्य जन-प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया।
समेकित छात्रवृत्ति योजना क्या है?
समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन के तहत इस योजना का क्रियान्वयन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा किया जाता है। योजना में 6 विभागों स्कूल शिक्षा, अनुसूचित जाति कल्याण, जनजातीय कल्याण, विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण तथा सामाजिक न्याय की कुल 20 प्रकार की छात्रवृत्तियां शामिल हैं। कक्षा 1 से 12 तक के शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों में अध्ययनरत पात्र विद्यार्थियों को एजुकेशन पोर्टल 3.0 के माध्यम से राशि स्वीकृत की जाती है।
हस्तांतरित राशि में स्कूल शिक्षा विभाग की 7 प्रमुख छात्रवृत्तियां शामिल हैं
- सामान्य निर्धन वर्ग छात्रवृत्ति
- सुदामा प्री-मेट्रिक छात्रवृत्ति
- स्वामी विवेकानंद पोस्ट-मेट्रिक छात्रवृत्ति
- सेवानिवृत्त शासकीय कर्मचारियों के बच्चों की छात्रवृत्ति
- पितृहीन कन्याओं की छात्रवृत्ति
- इकलौती बेटी शिक्षा विकास छात्रवृत्ति
लोक शिक्षण संचालनालय के निर्देश
लोक शिक्षण संचालनालय ने समेकित छात्रवृत्ति-2025 के लिए सभी जिला शिक्षा अधिकारियों एवं जनजातीय कार्य विभाग के सहायक आयुक्तों को निर्देश जारी किए हैं। इनमें जिला स्तर के कार्यक्रमों में विद्यार्थियों एवं स्थानीय जन-प्रतिनिधियों की सहभागिता सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया है।
