Site icon SHABD SANCHI

Sameer Anjaan Birth Anniversary| समीर अंजान जो बैंक की नौकरी छोड़ गीतकार बने

Sameer Anjaan Birth Anniversary | न्याज़िया बेग़म: अपनी कलम की जादूगरी से हमें लुत्फ अंदोज़ कर रहे हैं वो 1983 की फिल्म बेखबर से अब तक की भूल भुलैया टू तक, अपने दिलनशीं गीतों की बारिश से सराबोर किया है शीतला पांडे ने जिन्हें हम समीर अंजान या समीर के नाम से जानते हैं, वो एक ऐसे गीतकार हैं जो मुख्य रूप से बॉलीवुड फिल्मों के लिए गीत लिखने के लिए जाने जाते हैं और इसके लिए सर्वाधिक गीत लिखने के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भी अपने नाम कर चुके हैं।


उनके पिता प्रसिद्ध हिंदी गीतकार, लालजी “अंजान” पांडे हैं। जिन्होंने तीन फिल्मफेयर पुरस्कार जीते हैं। समीर का जन्म 24 फरवरी उत्तर प्रदेश के बनारस के पास हुआ था। उन्होंने वाराणसी में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से मास्टर ऑफ कॉमर्स की डिग्री हासिल की और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में एक बैंक अधिकारी के तौर पर पद ग्रहण किया। हालाँकि कुछ दिनों बाद, उन्होंने नौकरी छोड़ दी क्योंकि वे “जानते थे कि बैंक उनकी दुनिया नहीं है”, तो गीतकार के रूप में अपना करियर बनाने के लिए वह 1980 में मुंबई चले आये, और अपने करियर की शुरुआत 1983 में फिल्म बेखबर से की। उनका पहला फिल्मी गाना भोजपुरी फिल्म बैरी सावन के लिए सुरेश वाडकर और प्रीति सागर द्वारा गाया गया जिसके बोल थे “मार के कटारी मार जइबे” 1990 में, वो दिल और आशिकी जैसी फिल्मों के गानों से मशहूर हो गए, इसके बाद के गीत “नज़र के सामने” के लिए उन्होंने अपना पहला फिल्मफेयर पुरस्कार जीता। अगले दशकों में वह हिंदी फिल्मों में एक अग्रणी गीतकार के रूप में उभरे , उन्होंने 500 से अधिक फिल्मों में 4,000 से अधिक गीत लिखे।


समीर के कहते हैं उनकी प्रेरणा गीतकार मजरूह सुल्तानपुरी और आनंद बख्शी और उनके पिता अंजान रहे हैं । उन्होंने, “मैं आज जो कुछ भी हूं सिर्फ अपने पिता की वजह से हूं।” समीर ने 1993 और 1994 में दो और फिल्मफेयर पुरस्कार जीते एक फिल्म दीवाना के गाने “तेरी उम्मीद तेरा इंतजार” के लिए, और दूसरा हम हैं राही प्यार के के गाने “घूंघट की आड़” के लिए, 1998 में उन्होंने कुछ कुछ होता है से ” कुछ कुछ होता है ” शीर्षक के लिए ज़ी सिने पुरस्कार जीता। उनके दिलकश नगमों की फ़ेहरिस्त बहोत लंबी है फिर भी उनके कुछ बेहद लोकप्रिय गानों से सजी फिल्मों का अगर हम ज़िक्र करें तो कुछ फिल्मी हमारे ज़हन में फौरन दस्तक देती हैं, जैसे- बेटा, साजन, राजा बाबू, कुली नंबर 1, राजा हिंदुस्तानी, अंजाम, कुछ कुछ होता है, फिजा, धड़कन, कभी खुशी कभी गम, देवदास, राज, दिल है तुम्हारा जैसी फिल्मों के गाने शामिल हैं। इश्क विश्क, दिल मांगे मोर, तेरे नाम, असम्भव, फिदा, नो एंट्री, अक्सर, धूम 2, सांवरिया, रेस, हाउसफुल 2, राउडी राठौड़, सन ऑफ सरदार, दबंग 2, और बलमा।


संगीतकार जोड़ी नदीम-श्रवण ने अपने बनाए ज़्यादातर संगीत के लिए समीर को गीतकार के रूप में चुना। समीर ने प्रसिद्ध संगीतकार जोड़ी आनंद-मिलिंद की संगीत रचना के तहत 950 से अधिक गीत लिखे, क़रीब-क़रीब इस वक्त के सभी संगीतकारों के निर्देशन में उनके गीत आए और हमारे दिलों में उतर गए अपने करीने से सजे उम्दा लफ्जों के ज़रिए, हमारी यही दुआ है कि उनका ये कारवां यूं ही चलता रहे और वो ऐसे ही हमें लुत्फ अंदोज़ करते रहें।

Exit mobile version