संभल: संभल में खुदाई के दौरान एक के बाद एक प्राचीन इमारतें और कूप निकल रहे हैं. शाही जामा मस्जिद से कुछ दूरी पर मृत्यु कूप मिला है. इसकी खुदाई की जा रही है. यह कुआं बीते 30 सालों से बंद पड़ा था.
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उत्तर प्रदेश के संभल में खुदाई के दौरान प्राचीन कुआं मिला है. उसे मृत्यु कूप यानी ‘मौत का कुआं’ बताया जा रहा है. यह प्राचीन कूप सदर कोतवाली इलाके के सरथल चौकी के नजदीक मिला है.
डीएम राजेंद्र पेसिया के निर्देश पर कूप की खुदाई कराई जा रही है. 19 कूपों में यह विशेष कूप माना जा रहा है. जिस स्थान पर कूप मिला है वह कल्कि विष्णु मंदिर से 200 मीटर की दूरी पर है. इस कूप को 30 साल पहले अतिक्रमण कर आसपास लोगों ने कूड़ा कबाड़ डालकर बन्द कर दिया था.
आपको बता दे कि संभल शाही जामा मस्जिद से करीब डेढ़ सौ कदम दूर पर मृत्यु कूप मिला है. जिस इलाके में यह कुआं मिला है वह हिंदू बाहुल्य क्षेत्र है. स्थानीय लोगों का कहना है कि यह कूप 19 कूप में से यह एक रूप है. सबसे पहले यहां का जल पीकर ही आगे पूजा पाठ करने के लिए श्रद्धालु जाते थे. कुआं के नगर पालिका की टीम कुआं को साफ करने में जुट गई है.
लगातार संभल आ रही है ASI की टीम
गौरतलब है कि संभल डीएम के लेटर के बाद एएसआई टीम तीसरी बार संभल आई. यहां पुराने धरोहर और उन सभी पुराने प्राचीन इमारतों को तलाश करते हुए पुरातत्व विभाग जांच पड़ताल कर रहा है और उनकी फोटोग्राफी कराई जा रही है. संभल जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया ने बताया कि संभल प्राचीन नगर रहा है. इस नगरी में इतिहास से लेकर वर्तमान तक अनेक अवशेष उपलब्ध हैं और वह दिखते भी हैं.
उन्होंने बताया कि उनको संरक्षित और सुरक्षित करने का प्रयास किया जा रहा है. उसी क्रम में एएसआई की टीम संभल आई थी. उन्होंने बताया कि कोई भी इतिहास को छोड़ेगा तो इतिहास उसको छोड़ देगा. इतिहास ही हमें प्राचीन घटनाओं को बताता है.