Sambhal Temple News: उत्तर प्रदेश का संभल इस समय तीन कारणों से सुर्ख़ियों में है. पहला यहां की बाबर द्वारा बनवाई गई जामा मस्जिद (Sambhal Jama Masjid), दूसरा इस मस्जिद के कभी हिन्दू मंदिर (Sambhal Harihar Mandir) होने का दावा और तीसरा मस्जिद के सर्वे (Sambhal Masjid Survey Report) के दौरान कट्टरपंथियों द्वारा मचाया गया उत्पात। मगर एक बार फिर से संभल चर्चा का विषय बन गया, जामा मस्जिद के हरिहर मंदिर होने के दावे के बीच यहां एक और प्राचीन (Sambhal Me Pracheen Mandir) मंदिर मिला है जिसका दरवाजा 46 साल बाद खोला गया, इस मंदिर में शिवलिंग और हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित है. दरअसल इस मंदिर के होने का कभी पता ही न चलता अगर संभल जामा मस्जिद के दौरान हिंसा न हुई होती। ये मंदिर मुस्लिम इलाके में स्थापित है जहां 1978 में हुए दंगे के पहले हिंदू ही रहा करते रहे. दंगे में कई हिन्दुओं का नरसंहार किया गया जिसके बाद उन्होंने खग्गू सराय इलाके को ही छोड़ दिया और फिर किसी ने इस मंदिर की तरफ जाने की हिम्मत नहीं जुटाई।
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सम्भल के मुस्लिम इलाके में मिला शिव मंदिर
खग्गू सराय (Sambhal Khaggu Sarai Shiv Temple Found) में मिला यह 400 से 500 साल पुराना मंदिर, सपा सांसद जियाउर्रहमान के मोहल्ले में है. ये वही मोहल्ला है जहां से सिर्फ डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर सम्भल हिंसा के दौरान 4 मौतें हुई थीं. हिंसा के बाद संभल में पुलिस ने अपनी गश्त बढ़ाई साथ ही बिजली विभाग की टीम भी बिजली चोरी करने वालों के घर पर छापेमारी करने पहुंचने लगी. शनिवार को जब बिजली चोरी के खिलाफ छापेमारी के दौरान टीम खग्गू सराय इलाके में गई तो संभल डीएम और एसपी को एक बंद पड़ा मंदिर दिखाई पड़ा, दोनों ने मिलकर दरवाजा खोला तो देखा अंदर एक शिवलिंग है, हनुमान जी की प्रतिमा है और ऊपर एक घंटी लगी हुई है. संभल CO ने 48 साल से बंद पड़े मंदिर की अपने हाथों से सफाई की, घंटी बजाई और जैसे ही हिन्दुओं को इसकी जानकारी लगी वो भी मंदिर के पास पहुंच गए. फिर हिन्दुओं ने हिम्मत जुटाकर संभल DM को बताया कि मंदिर के सामने एक कुआँ और पीपल का पेड़ था, 78 के नरसंहार के बाद पीपल के पेड़ को मुसलमानों ने काट दिया था और कुँए को ढक कर उसपर रैंप बना दिया था. जिसके बाद मंदिर के सामने तुरंत खुदाई शुरू हो गई और वो कुआँ भी निकल आया.
आसपास रहने वाले हिन्दुओं ने बताया कि 78 के दंगों से पहले यहां हिन्दू परिवार ही रहते थे, इस शिव मंदिर में रोज़ भजन कीर्तन होते थे. सभी कुएं के किनारे बैठकर भजन गाते थे. मगर जब दंगे हुए तो सभी हिन्दू ये इलाका छोड़कर चले गए.
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संभल शिव मंदिर में तीन तरफ से अतिक्रमण
संभल कलेक्टर राजेंद्र पेंसिया ने बताया कि खग्गू सराय में मिले मंदिर को भी छुपाने की कोशिश की जा रही थी. इसके तीन तरफ से अतिक्रमण कर घर बना दिए गए थे और चौथी तरफ से भी इसके ढंकने का काम किया जा रहा था। जब प्रशसन की टीम को मंदिर मिला तो उसे खोला गया , साफ़ सफाई की गई और पूजा पाथ भी शुरू कर दी गई. 48 साल बाद मंदिर में हनुमान चालीसा पढ़ी गई, हनुमान जी की प्रतिमा पर सिन्दूर चढ़ाया गया. अब हो सकता है कि प्रशासन मंदिर के तीनों तरफ बने अतिक्रमण को भी हटाने की कार्रवाई शुरू कर दे, क्योंकी सम्भल में अतिक्रमण हटाने और बिजली चोरी करने वालो के खिलाफ कार्रवाई जारी है.
संभल में बंद पड़े मंदिर के मिलने और इसे खोले जाने पर सोशल मीडिया यूजर्स खुश भी हैं और नाराज भी हैं. लोग पूछ रहे हैं कि मुस्लिम आबादी में एक हिन्दू मंदिर को इतने सालों तक बंद रखना पड़ा, ये किस मुँह से भाईचारे की बात करते हैं. खैर प्रशासन ने मंदिर को हिन्दू समाज को सौंपने की बात कही है.
संभल का इतिहास
गौरतलब है कि सम्भल प्राचीन नगरी है. इसका अग्निपुराण में जिक्र मिलता है। ये पूरा क्षेत्र मंदिरों का शहर था. इसके पुराने नक़्शे को देखकर इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है. सम्भल की जामा मस्जिद भी हरिहर मंदिर था जहां कल्कि अवतार का जन्म होना है. इसके धार्मिक, साहित्यिक और वैज्ञानिक तीनों प्रमाण हैं, ये मामला फ़िलहाल कोर्ट में विचाराधीन है.
हिन्दुओं को सौंपा गया संभल में मिला प्राचीन मंदिर
बहरहाल खग्गू सराय मंदिर को हिन्दुओं को सौंप दिया गया है और मंदिर के सामने मिले कुँए की खुदाई की जा रही है, इसे 150 फ़ीट तक खोदा जाएगा और ऐसी उम्मीद लगाई जा रही है कि जिस तरह दंगों से पहले यहां भजन कीर्तन होते थे वो फिर से शुरू होंगे। वैसे सम्भल के हरिहर मंदिर के इतिहास को लेकर हमनें एक वीडियो पहले से बनाया हुआ है जिसे आप हमारे चैनल में जाकर देख सकते हैं।