जूडो। जूडो में एमपी की जानकी बाई भारत की शान बन गई है। खबरों के तहत ऑखे न होने के बाद भी उन्होने जूडो में न सिर्फ मध्यप्रदेश और देश में अपना नाम रोशन किया बल्कि उन्होने उज़्बेकिस्तान, कज़ाख़िस्तान और दो अन्य देशों में आयोजित प्रतियोगिताओं में हिस्सेदारी करके भारत के लिए चार स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है।
ऐसी चढ़ी सफलता की मुकाम
बताते है कि जानकी बाई जबलपुर के सिहोर की रहने वाली है। घर की स्थित काफी खराब होने के कारण वे आगरबत्ती निर्माण का काम करती थी। वह जबलपुर में जूडो का प्रशिक्षण ली और इस विधा में वह बड़ा मुकाम हासिल कर लिया। वे जबलपुर में प्रशिक्षण के दौरान पहला पदक जीता था। जिससे उन्हे हौसलों के पंख लगे और वे विदेशों में भी भारत की शान बन गई है।
अपिॅत ने भी जूडो में किया कमाल
अर्पित ने भी चार बार राष्ट्रीय स्तर पर मध्यप्रदेश की टीम का प्रतिनिधित्व किया और हर बार पदक जीतकर साबित किया कि उनका चयन केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि उनकी योग्यता का प्रमाण है। अर्पित को प्रदेश सरकार ने अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया है।