न्याजिया बेग़म
salman khan birthday: सलमान खान से कौन नहीं वाकिफ है वो बच्चों ,बड़ों, बूढों आदमी, औरतों सबकी पहली पसंद हैं ,उनकी सादगी साफगोई सबको अपनी ओर खींच लेती है उनकी मौजूदगी चाहे फिल्मों में हो चाहे किसी टेलीविजन प्रोग्राम में होस्टिंग हो हर जगह चार चांद लगा देती है , बिगबॉस और दस का दम में वो अपना दम हमें दिखा ही चुके हैं । 27 दिसम्बर 1965 को पैदा हुए सलमान अब यंग एज के हीरो नहीं हैं पर अपने साथी कलाकारों से ज़्यादा उनकी कशिश दर्शकों को सिनेमाघरों तक ले आती है अभी तक के अपने तीन दशक से अधिक के करियर में, उन्होंने कई पुरस्कार अपने नाम किए हैं जिनमें बतौर फिल्म निर्माता भी दो राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और एक अभिनेता के रूप में दो फिल्मफेयर पुरस्कार शामिल हैं।
उनकी सफलता का अंदाज़ा आप इस बात से भी लगा सकते हैं कि फोर्ब्स ने 2015 और 2018 में उन्हें दुनिया में सबसे ज़्यादा कमाई करने वाले मशहूर हस्तियों की सूची में शामिल किया है, जिसमें वे कुछ सालों बाद सर्वोच्च रैंक वाले भारतीय थे उनकी फिल्में न केवल हिट होती हैं बल्कि ज़्यादातर सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली भी बन जाती हैं । सलमान खान ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत 1988 की फिल्म बीवी हो तो ऐसी से की थी , जिसमें वो सहायक अभिनेता थे इसके बाद उन्हें मिली सूरज बड़जात्या की रोमांटिक ड्रामा मैंने प्यार किया जो बेहद कामयाब रही और इसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ पुरुष पदार्पण के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया । फिर कुछ और एक के बाद एक सफल फिल्मों के साथ वो खुद को स्थापित करते चले गए जैसे :- हम आपके हैं कौन..! हम साथ-साथ हैं , एक्शन फिल्म करण अर्जुन , इन फिल्मों के साथ उनका उतार-चढ़ाव का दौर चला फिर 2009 की एक्शन फिल्म वांटेड के साथ अपनी ऐसी छवि बना ली जिसके लिए लोगों की दीवानगी बढ़ती ही गई ,अपने मुख्तलिफ अंदाज़ की बदौलत उन्होंने जो स्टारडम हासिल किया है उसका कोई मुकाबला नहीं ।
लोग शायद इसलिए भी उन्हें इतना पसंद करते हैं कि वो सबकी मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं कई सितारे भी उनकी तारीफ करते नहीं थकते जैसे गोविंदा ,सुष्मिता सेन अपनी चैरिटी बीइंग ह्यूमन फाउंडेशन के ज़रिए भी वो ज़रूरतमंद लोगों की मदद करते हैं इसी नाम से उनकी प्रोडक्शन कंपनी भी है जिसमें बनी फिल्मों से प्राप्त धन बीइंग ह्यूमन संगठन को दान किया जाता है इस बैनर के तहत बनी पहली फिल्म बच्चों के लिए चिल्लर पार्टी थी , जिसने सर्वश्रेष्ठ बाल फिल्म, सर्वश्रेष्ठ मूल पटकथा और सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार के लिए 3 राष्ट्रीय पुरस्कार जीते। सलमान खान 2016 से बीएमसी के खुले में शौच मुक्त अभियान के ब्रांड एंबेसडर हैं । इतने मशहूर ओ मारूफ होते हुए भी उनकी ऑफ-स्क्रीन जिंदगी विवादों और कानूनी परेशानियों से घिरी हुई है। जी हां इसके लिए भी वो चर्चा में बने रहते हैं ,जैसे :-उन्हें २०१५ में, उन्हें लापरवाही से गाड़ी चलाने के मामले में गैर इरादतन हत्या का दोषी ठहराया गया था जिसमें उन्होंने अपनी कार से पांच लोगों को कुचल दिया था, जिसमें एक की मौत हो गई थी, लेकिन अपील पर उनकी सजा को खारिज कर दिया गया था। फिर ५ अप्रैल २०१८ को, खान को एक काले हिरण के अवैध शिकार मामले में दोषी ठहराया गया और पांच साल कैद की सजा सुनाई गई। अपील पर सुनवाई होने तक वह फिलहाल ज़मानत पर बाहर हैं ख़ैर इसका क्या अंजाम होगा ,उनके चाहने वालों की दुआएं रंग लाएंगी या नहीं ये तो वक्त ही बताएगा ।
वैसे ये हम आपको ये भी बता दें कि सलमान खान पटकथा लेखक सलीम खान और उनकी पत्नी सुशीला चरक के सबसे बड़े बेटे हैं , सुशीला जी अब सलमा नाम लिखती हैं एक मुस्लिम पिता और हिंदू मां के घर जन्मे सलमान दोनों धर्मों के संस्कारों के साथ पले बढ़े । जिसकी वजह से न केवल वो धर्म की दीवार गिराकर हर धर्म के संस्कारों से परिचित हैं बल्कि वो सभी धर्मों का सम्मान भी करते हैं जो उनके फैंस को बहुत पसंद है। १९८१ में, सलीम साहब ने अभिनेत्री हेलेन से शादी कर ली इसके बावजूद उनका पूरा परिवार एक साथ और खुश नज़र आता है , कहते हैं ,सलमान खान के दादा-दादी अफ़गानिस्तान के अलकोज़ाई पश्तून थे, जो 1800 के दशक के मध्य में इंदौर राज्य , इंदौर रेज़ीडेंसी (अब मध्य प्रदेश में ), ब्रिटिश भारत में आकर बस गए थे; सलमान हिंदी ,इंग्लिश के अलावा मराठी भी अच्छी बोलते हैं । उनके दोनों भाई , अरबाज खान और सोहेल खान भी फिल्म जगत से जुड़े हैं।
90 के दशक की शुरुआत सलमान खान ने दीपक शिवदासानी की एक्शन ड्रामा फिल्म बागी: ए रिबेल फॉर लव से की, जिसकी कहानी भी उन्होंने ही लिखी थी और यहां उन्होंने साबित कर दिया कि अपने वालिद साहब की तरह उनके पास भी ये हुनर है और बागी हिट भी रही। हुनर की बात चली है तो हम आपको उनके एक और हुनर से वाकिफ करादें कि वो एक चित्रकार भी हैं और इस मुस्व्विर की कल्पना चाहे कागज़ पे उतरे या फिल्मों में कमाल कर ही देती हैं इसमें कोई ऐसा पहलू ज़रूर होता है जो देखने वालों की नज़रों से दिल में उतर जाए १९९१ में उनकी दो फिल्में, सनम बेवफा और साजन ब्लॉकबस्टर बनकर उभरीं और वर्ष की उनकी अन्य रिलीज़, कुर्बान और पत्थर के फूल ने भी सफलता हासिल की।
1994–1999: तक वो अपनी बेमिसाल फिल्मों के ज़रिए स्थापित अभिनेता बन गए , फ़िल्में रहीं… अंदाज़ अपना अपना , जिसमें उनके साथ आमिर खान थे और दोनों का तालमेल दर्शकों को खूब भाया , हम आपके हैं कौन ,जिसमें माधुरी दीक्षित के साथ उनकी केमिस्ट्री खूब पसंद की गई और साल की सबसे लोकप्रिय फ़िल्म होने का राष्ट्रीय पुरस्कार भी जीता और दुनिया भर में ₹2 बिलियन से अधिक की कमाई करते हुए, ये फ़िल्म उस वर्ष की सबसे बड़ी बॉलीवुड हिट रही और तब तक की सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली भारतीय फ़िल्म बन गई । 1995 में आई फ़िल्म करण अर्जुन 1996 में खामोशी: द म्यूज़िकल ।
1997 में उनकी दो फ़िल्में रिलीज़ हुईं: जुड़वाँ और औज़ार । जुड़वां में कॉमेडी का तड़का भी यूं लगा कि वो अभिनय के इस पायदान में सफलता पूर्वक चढ़ते रहे । 1998 में आपने पाँच अलग-अलग फ़िल्मों में काम किया, उनकी पहली रिलीज़ रोमांटिक कॉमेडी फ़िल्म प्यार किया तो डरना क्या थी जिसमें काजोल थीं , इसके बाद प्यार किसी से होता है आई जिसने एक अलग ही मासूम छाप छोड़ी ,इतनी कमियाबी के बाद , उन्होंने करण जौहर के निर्देशन में बनी पहली फ़िल्म कुछ कुछ होता है में कैमियो भी किया , जिसने उन्हें आलोचकों की प्रशंसा और सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता श्रेणी के तहत दूसरा फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार दिलाया। 1999 में, हम दिल दे चुके सनम में अपनी अदाकारी का जलवा दिखाया जिसमें चुलबुले पन में संजीदा मोहब्बत को मासूमियत से पर्दे पर उकेरा ।
2000–2009: तक उन्होंने छिटपुट सफलता हासिल की लेकिन हर दिल अज़ीज़ बने रहे इस दौरान उनकी फिल्में थीं चोरी चोरी चुपके चुपके ,हम तुम्हारे हैं सनम । और इसके बाद एकदम अलग और संजीदा किरदार में नज़र आए 2003 की फिल्म तेरे नाम के लिए , तरण आदर्श ने उनके बारे में कहा कि , “सलमान खान उस भूमिका में असाधारण लग रहे हैं वो उन दृश्यों में आग उगलते हैं जो बेचैनी की मांग करते हैं लेकिन इसमें कठोर बाहरी आवरण के नीचे एक कमज़ोर व्यक्ति छिपा हुआ है जिसमें उनकी भावनात्मक अभिव्यक्तियाँ शानदार हैं…” निर्देशक सतीश कौशिक ने फ़िल्म में ख़ान के काम को मज़बूत माना और इसके बारे में कहा, “सलमान ने फ़िल्म में शानदार प्रदर्शन किया है। उन्होंने एक गहन, अपरंपरागत प्रदर्शन दिया है। मेरा मानना है कि ये सलमान के करियर का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।”
इस फिल्म के दुखभरे अंत के साथ , थोड़ा रुलाने के बाद उन्होंने फिर हमें थोड़ा हंसाते रहने का ज़िम्मा ले लिया और उनका करियर मुझसे शादी करोगी और नो एंट्री ,जैसी कॉमेडी फ़िल्मों के साथ आगे बढ़ा । जिसमें 2007 में आई फिल्म सलाम-ए-इश्क । वे हॉलीवुड फिल्म मैरीगोल्ड में अमेरिकी अभिनेत्री अली लार्टर के साथ नज़र आए जिसमें एक भारतीय पुरुष और एक अमेरिकी महिला की प्रेम कहानी बताई गई थी पर फिल्म ज़्यादा सफल नहीं रहे। फिर वो वांटेड में नज़र आए, । फिल्म को मिली-जुली समीक्षाएं मिलीं और कहा गया कि” वांटेड सलमान खान के स्टार पावर पर आधारित है। हो सकता है कि वे सबसे अच्छे अभिनेता न हों, लेकिन वांटेड जैसी फिल्म में , ये भूमिका उनके व्यक्तित्व का ही विस्तार लगती है, क्योंकि आप किसी और को इस भूमिका को शानदार ढंग से निभाते हुए नहीं सोच सकते।” 2010–2017: तक आपने वो स्टारडम हासिल कर लिया
जिसकी चाहत हर कलाकार को होती है , इन सालों में पहली फ़िल्म थी वीर , दूसरी, दबंग जिसके लिए टाइम्स ने यहां तक कह दिया कि जानकारों ने फ़िल्म की लोकप्रियता का श्रेय सलमान खान की मौजूदगी को दिया, उन्होंने कहा कि वे “इसकी आकर्षण का श्रेय सलमान खान के स्टार करिश्मे को देते हैं, जिन्होंने बेलगाम उत्साह और जोश के साथ चुलबुल पांडे के जज़्बातों को दिलकश अंदाज़ में दर्शकों तक पहुंचाया।
दबंग ने कई पुरस्कार जीते, जिसमें सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी शामिल है । फिल्म का निर्माण उनके भाई अरबाज खान ने किया था । उनके प्रदर्शन के बारे में लिखा गया: “ये जीवन भर की भूमिका है और सलमान खान इसे ऐसे निभाते हैं जैसे कोई भूखा आदमी दावत खा रहा हो। वह इसे पूरी तरह से निभाते हैं, अकड़ते और अकड़ते हुए और यहां तक कि खुद का मज़ाक भी उड़ाते हुए।” मतलब अपने चाहने वालों के लिए वो कुछ भी कर सकते हैं, उनकी 2011 की पहली रिलीज़ रेडी थी। रेडी ने 2011 की दूसरी सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली बॉलीवुड फ़िल्म होने का रिकॉर्ड बनाया। इसके बाद वे बॉडीगार्ड में नज़र आए, जो इसी नाम की 2010 की मलयालम फ़िल्म की रीमेक थी । और ये उस साल भारत की सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली फ़िल्म बन गई। फिर 2012 में रिलीज़ हुई ,एक था टाइगर , जिसमें उन्होंने कैटरीना कैफ के साथ अभिनय किया और बॉक्स ऑफिस पर छा गए।
इसके बाद दबंग की सीक्वल दबंग 2 में भी अदाकारी के जलवे दिखाए और ये फिल्म भी हिट रही, 2014 में रिलीज़ हुई जय हो जिसमें उन्होंने डेज़ी शाह के साथ अभिनय किया था । उनकी दूसरी रिलीज़, किक , थी,जिस ने ईद पर भारत में 2बिलियन तक कमाई की । उन्होंने फ़िल्म का “हैंगओवर” गाना भी गाया और एक बार फिर साबित कर दिया कि वो एक सच्चे कलाकार हैं इसलिए उन्हें ऊपर वाले ने बहोत से हुनर से नवाज़ा है और बहोत से लोग लाज़मी तौर पर ये यकीन रखते हैं कि एक अच्छा इंसान ही सच्चा कलाकार हो सकता है खैर अगली ईद पर आई फिल्म बजरंगी भाईजान ,और कई बॉक्स ऑफिस रिकॉर्ड तोड़ दिए।
ये फिल्म उस समय भारत और दुनिया भर में दूसरी सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली बॉलीवुड फिल्म बन गई , जिसने ६ बिलियन से अधिक का संग्रह किया। , ये फिल्म सलमान खान की लगातार नौवीं फिल्म बन गई जिसने 1 बिलियन से अधिक की कमाई की। इसके साथ, ही वो तीन बैक-टू-बैक फिल्में देने वाले एकमात्र अभिनेता बन गए, जिन्होंने घरेलू स्तर पर ₹ 2 बिलियन से अधिक का कलेक्शन किया और वो भारत में एक ही वर्ष में ₹ 5 बिलियन से अधिक घरेलू नेट इकट्ठा करने वाले एकमात्र अभिनेता बन गए ।
सलमान की २०१६ की पहली फिल्म, एक बार फिर ईद पर रिलीज हुई , सुल्तान थी , इसने भी कई बॉक्स ऑफिस रिकॉर्ड तोड़ दिए। इसके बाद जून 2017 में, वो ट्यूबलाइट में दिखाई दिए , लेकिन ज़्यादा उम्मीदों के बावजूद, फिल्म बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन करने में असफल रही। फिर जल्द ही रिलीज़ हुई टाइगर ज़िंदा है , एक था टाइगर की सीक्वल ने सुपर हिट होकर उनके ग़म को कम कर दिया । साल 2018 से उनके करियर में उतार-चढ़ाव बना रहा लेकिन वो बेहद शिद्दत और लगन से अपने हर किरदार को बखूबी निभाते चले आ रहे हैं,कुछ और फिल्मों का ज़िक्र करें तो उनकी भी फेहरिस्त लंबी है जिनमें रहीं
रेस ३ , दबंग ३ किक २ ,द फ़ाइनल ट्रुथ जिसमें उन्होंने सेकेंड लीड की भूमिका निभाई ,उनके अभिनय की काफ़ी सराहना हुई पर फिल्म फ्लॉप रही ।
इसके बाद उन्होंने पठान में एक कैमियो किया , जिसमें उन्होंने टाइगर के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई फिर किसी का भाई किसी की जान में अभिनय किया और इसके बाद टाइगर ३ में एक बार फिर टाइगर का किरदार निभाया । ये था ,उनकी अब तक कुछ खास फिल्मों का सफरनामा जो उन्हें हमारे दिलों में खास मकाम दिलाता है अभी भी वो पुरजोशी से कई फिल्मों में काम कर रहे हैं ।
कई इंटरव्यूज़ में उन्हें हम देखते रहते हैं जिसमें उन पर लगे इल्ज़ामों पर भी बात होती है और वो बहुत ही मासूमियत से अपने आप को कसूरवार मानते हुए माफ़ी मांग लेते हैं फिर चाहे उनके साथ अभिनेत्रियों के नाम जोड़े जाने या इल्ज़ाम लगाने की बात ही क्यों न हों वो सबको अच्छा बताते हैं और खुद को खराब ,उनकी ये सादगी नौजवान चुलबुले सलमान खान से लेकर आज के सुपर स्टार सलमान खान में भी बरकरार है जिसकी वजह से वो लाखों दिलों पर राज करते हैं यौमे पैदाइश की मुबारकबाद देते हुए हम यही दुआ करते हैं कि उनकी मुश्किलें आसान हों और वो ऐसे ही अपनी फिल्मों के ज़रिए हमारा दिल बहलाते रहें ,खुश रहें आबाद रहें ।