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उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन को कितनी सैलरी मिलेगी?

Salary Of Vice President Of India, CP Radhakrishnan Salary: उपराष्ट्रपति चुनाव में NDA कैंडिडेट सीपी राधाकृष्णन ने INDI दल के कैंडिडेट सुदर्शन रेड्डी को 152 वोटों के अंतर से हरा दिया। मतदान में 788 में से 767 (98.2%) सांसदों ने वोट डाला। राधाकृष्णन को 452 वोट और सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट मिले। 15 वोट अमान्य करार दिए गए। इसी के साथ CP Radhakrishnan भारत के 15वें उपराष्ट्रपति निर्वाचित हुए. हैरानी की बात ये रही कि विपक्षी सांसदों में से 14 ने भी सीपी राधाकृष्णन को वोट दिया। खैर इस आर्टिकल में हम भारत के उपराष्ट्रपति की शक्तियां (Powers of the Vice President of India) भारत के उपराष्ट्रपति का वेतन (Salary of Vice President of India) और भारत के उपराष्ट्रपति को मिलने वाली सुविधाओं (Facilities provided to the Vice President of India) के बारे में जानेंगे।

भारत के उपराष्ट्रपति की शक्तियां और कर्तव्य

Powers and duties of the Vice President of India: राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति के रूप में निम्न शक्तियां मिलेंगी:

भारत के उपराष्ट्रपति की सैलरी

Salary Of Vice President Of India: उपराष्ट्रपति को अलग से वेतन नहीं मिलता। वे राज्यसभा सभापति के रूप में वेतन पाते हैं:

भारत के उपराष्ट्रपति की पेंशन (Pension Of Vice President Of India:): सेवानिवृत्ति के बाद 50% वेतन (50% of Salary) के रूप में पेंशन, जो लगभग ₹2 लाख प्रति माह है।

भारत के उपराष्ट्रपति का मासिक वेतन (Monthly Salary Of Vice President Of India): ₹4 लाख (Rs 4,00,000), जो 2018 में ₹1.25 लाख से बढ़ाया गया था। यह संसद के अधिकारियों के वेतन और भत्ते अधिनियम 1953 (Salaries and Allowances of Officers of Parliament Act, 1953) के तहत तय होता है।

राष्ट्रपति की भूमिका में वेतन (Salary Of Vice President Of India as Acting President): राष्ट्रपति के कर्तव्यों का निर्वहन करते समय उन्हें राष्ट्रपति का वेतन (President’s Salary) ₹5 लाख प्रति माह मिलेगा।

भारत के उपराष्ट्रपति को मिलने वाली सुविधाएं

Facilities provided to the Vice President of India: उपराष्ट्रपति को निम्न सुविधाएं मुफ्त मिलेंगी:

सी.पी. राधाकृष्णन को पदभार ग्रहण करने पर ये सभी सुविधाएं मिलेंगी। वे राज्यसभा सभापति के रूप में ₹4 लाख मासिक वेतन पाएंगे और राष्ट्रपति की अनुपस्थिति में उनके शक्तियां प्रयोग करेंगे। राधाकृष्णन, जो आरएसएस से जुड़े हैं और तमिलनाडु में भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रहे, राज्यसभा में तटस्थता (Neutrality) बनाए रखने की उम्मीद है।

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