sajid wajid birthday: मिठास के साथ दिल में जोश भर देता है साजिद-वाजिद का संगीत

sajid wajid birthday

नियाजिया बेग़म

sajid wajid birthday: तबला वादक शराफत अली खान और रजीना खान के घर दो बच्चे 10 जुलाई 1977 को इस जहां में आए एक जैसी पसंद न पसंद लेकर ,दोनों संगीत को बड़ी बारीकी से सुनते और वक्त के साथ समझने भी लगे, ये दिलचस्पी उम्र के साथ बढ़ती गई और उन्होंने फिल्म संगीत की ओर रुख कर लिया। पहले तो इन्होंने अपनी अलग-अलग पहचान बनाई पर जब एक साथ काम किया तो सबको अपना दीवाना ही बना लिया। बेशक आप हमारा इशारा समझ गए होंगे ,हम बात कर रहे हैं , साजिद-वाजिद की जिन्होंने ने पहली बार फिल्मों में अपना संगीत दिया था 1998 में आई ,सलमान खान की फिल्म प्यार किया तो डरना क्या, में और आपकी इस जोड़ी ने न केवल यहां से शुरुआत की थी बल्कि आगे भी सलमान खान अभिनीत कई फिल्मों के लिए बेमिसाल संगीत तैयार करते रहे जिनमें तुमको ना भूल पायेंगे , तेरे नाम , गर्व , मुझसे शादी करोगी , पार्टनर , हैलो ब्रदर , गॉड तुस्सी ग्रेट हो , वांटेड , वीर ,दबंग और एक था टाइगर जैसी फिल्में शामिल हैं।

दिल में जोश भर देता है इनका संगीत
कोई भी हुनर खुदा की नेमत होता है और साजिद वाजिद को तो खुदा ने बेशुमार नेता से बख्शा था इसलिए 1998 के बाद से कुछ गानें हमें ऐसे सुनने मिले जिनमें तड़कता भड़कता संगीत तो था मगर मिठास के साथ जो कानों में चुभे बिना दिल में जोश भर देता था जैसे लगन लगन लग गई री तुमसे मेरी लगन लगी… ,तेरे नाम ,फिल्म का गीत तेरे मस्त मस्त दो नैन मेरे दिल का ले गए चैन …, फिल्म दबंग का गीत , गीतों में ये बदलाव लेकर आए थे साजिद ,वाजिद ,आप उस्ताद फैय्याज अहद खान के नवासे हैं जिन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया था और नाना का असर कहीं न कहीं साजिद वाजिद में मैसिकी को सीखने की ललक में दिखा 1999 में, उन्होंने सोनू निगम के एल्बम दीवाना के लिए भी संगीत दिया इसके अलावा रियलिटी शोज़ में भी बतौर जज नज़र आते रहे और कुछ टेलीविजन रियलिटी शो के लिए शीर्षक ट्रैक की शानदार रचना भी की । साजिद-वाजिद ने आईपीएल 4 का थीम गीत “धूम धूम धूम धड़ाका” भी बनाया , जिसमें वाजिद ने शीर्षक ट्रैक गाया भी था।

कई अवॉर्ड भी अपने नाम किए
इस तरह से अपना जीवन संगीत को समर्पित करते हुए आपने कई अवॉर्ड भी अपने नाम किए ।पर वाजिद की सेहत धीरे-धीरे बिगड़ रही थी और 2019 में उनका किडनी ट्रांसप्लांट हुआ ,कुछ वक्त बाद उन्हें गले में संक्रमण हो गया और गंभीर टिलताओं के कारण उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया और एक दिन बाद 1 जून 2020 को दिल का दौरा पड़ने से उनकी जान चली गई,और इस जोड़ी के टूटने से संगीत प्रेमियों को गहरा सदमा लगा उन्होंने शुरुआत की थी सलमान खान अभिनीत फिल्म से और आखरी काम भी बतौर जोड़ी आपने सलमान की फिल्म किसी का भाई किसी की जान में किया । वाजिद के गाए गीतों की बात करें तो ,ढिचक्याऊ डूम … फेविकोल से…. , पांडे जी सीटी… , चिन्ता त ता चिता …,जैसे गीत सुनकर आज भी यूं लगता है कि वो हमारे साथ हैं । ये वो संगीत था जिसने बच्चे और बड़ों सबका दिल जीत लिया कहीं अपने बोलों से कहीं अपनी आवाज़ की खनक से , चलते चलते उनकी कुछ ख़ास फिल्मों को हम याद करें तो हमारे ज़हेन में दस्तक देती हैं , फिल्में तुमको न भूल पाएंगे, हम तुम्हारे हैं सनम , मुझसे शादी करोगी ,हाउस फुल 2 ,राउडी राठौर,पागलपंती , सिंह इज ब्लिंग, जय हो और दबंग के सारे सिक्वेंस ,तो चलिए आज कुछ गीतों को सुन के देखते हैं ,इस जादू को ज़रा महसूस करके देखते हैं ,जो सिर्फ हमारे लिए है।
वाजिद ने साजिद के साथ आखिरी गाना,
राधे का शीर्षक गीत गया था ।
सन 2011: को दबंग फिल्म के लिए फ़िल्मफेयर में सर्वश्रेष्ठ संगीतकर पुरस्कार के साथ कई अन्य पुरस्कार भी मिले ।
आज साजिद अकेले हैं मगर अपने हुनर से हमें खुश करने की पुरज़ोर कोशिश करते रहते हैं अपनी साधना कहीं फीकी नहीं पड़ने देते ।

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