विदेश मंत्री जयशंकर ने तालिबान को क्यों कहा शुक्रिया


S Jaishankar Taliban Afghanistan: भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S Jaishankar) ने गुरुवार रात एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए अफगानिस्तान (Afghanistan) के तालिबान सरकार (Taliban Government) के कार्यवाहक विदेश मंत्री मावलवी आमिर खान मुत्ताकी (Mawlawi Amir Khan Muttaqi) से फोन पर बातचीत की। यह भारत और तालिबान के बीच अगस्त 2021 के बाद पहला उच्च-स्तरीय राजनीतिक संपर्क था, जब तालिबान ने अफगानिस्तान में सत्ता हासिल की थी।

जयशंकर ने इस बातचीत में मुत्ताकी को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम (Pahalgam) में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) की निंदा करने के लिए धन्यवाद दिया। इस हमले में 26 नागरिकों की जान गई थी, जिसके जवाब में भारत ने पाकिस्तान (Pakistan) के कब्जे वाले क्षेत्रों में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) शुरू किया था।

इसके अलावा, जयशंकर ने तालिबान के उस बयान की सराहना की, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान के उस दावे को खारिज किया था कि भारत ने अफगानिस्तान में मिसाइल हमले किए। जयशंकर ने इसे “झूठा और आधारहीन” बताते हुए कहा कि यह भारत और अफगानिस्तान के बीच अविश्वास पैदा करने की कोशिश थी। उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स (X) पोस्ट में लिखा, “आज शाम को अफगान कार्यवाहक विदेश मंत्री मावलवी आमिर खान मुत्ताकी के साथ अच्छी बातचीत हुई। पहलगाम आतंकी हमले की निंदा के लिए उनकी सराहना करता हूं। भारत और अफगानिस्तान के बीच झूठे दावों से अविश्वास पैदा करने की हालिया कोशिशों को खारिज करने के लिए उनका स्वागत करता हूं।”

यह बातचीत भारत-पाकिस्तान तनाव (India-Pakistan Tensions) के बीच हुई, जब पाकिस्तान ने भारत पर अफगानिस्तान में हमले का आरोप लगाया था। तालिबान के इस कदम को भारत के लिए एक कूटनीतिक जीत के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि अफगानिस्तान ने स्पष्ट रूप से भारत का पक्ष लिया।

हालांकि, भारत ने अभी तक अफगानिस्तान में तालिबान सरकार को आधिकारिक मान्यता नहीं दी है। फिर भी, दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों (Bilateral Relations), व्यापार (Trade), और भारतीय वीजा (Indian Visas) की सुविधा जैसे मुद्दों पर चर्चा की। मुत्ताकी ने अफगान व्यापारियों और मरीजों के लिए वीजा प्रक्रिया को आसान करने और भारत में बंदी अफगान कैदियों की रिहाई का अनुरोध किया।

यह बातचीत भारत की उस नीति को दर्शाती है, जिसमें वह अफगान लोगों के कल्याण के लिए मानवीय और विकास सहायता (Humanitarian and Development Aid) प्रदान करता रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि यह संपर्क भारत-अफगानिस्तान संबंधों में एक नए अध्याय की शुरुआत हो सकता है, खासकर तब जब पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव भी चरम पर है।

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