हाथरस हादसे में रूस की एंट्री

हाथरस (Hathras) सत्संग हादसे पर रूस के राष्ट्रपति पुतिन (Vladimir Putin) ने दुख जताया है। पुतिन ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शोक संदेश भेजा है। उन्होंने लिखा, “हादसे में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना और समर्थन व्यक्त करता हूं, साथ ही घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।” आपको बता दें कि इस हादसे में अब तक 121 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है।

उत्तर प्रदेश के हाथरस (Hathras) में स्वयंभू बाबा उर्फ ​​नारायण साकार हरि के धार्मिक आयोजन में भगदड़ मचने से 121 लोगों की मौत हो गई। हाथरस भगदड़ में 100 से अधिक महिलाओं और सात बच्चों सहित कम से कम 121 लोगों की मौत हो गई और 28 अन्य घायल हो गए।

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अधिकारियों ने बताया कि हाथरस में जिस जगह भगदड़ हुई, वह मंगलवार दोपहर को वहां जमा हुई भीड़ के लिए बहुत छोटी थी। जब नारायण सत्संग के बाद सक्कर हरि से निकल रहे थे, तो उनके अनुयायी उनकी कार के टायर के निशान से धूल इकट्ठा करने के लिए दौड़े। इससे भगदड़ मच गई और सैकड़ों लोग कुचल गए। अधिकारियों ने बताया कि उनके सहयोगियों (जिन्हें ‘सेवादार’ के नाम से जाना जाता है) ने भीड़ को ‘आदमी’ के पास जाने से रोका और भाग रहे लोग एक-दूसरे पर गिर पड़े, जिससे नीचे खड़े लोगों का दम घुटने लगा।

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हादसे का पूरा रिपोर्ट मिला सीएम को

उत्तर प्रदेश के हाथरस (Hathras) में मंगलवार 2 जुलाई को सत्संग में हुए हादसे की रिपोर्ट सीएम योगी आदित्यनाथ को सौंप गई है. सिंकनंदरा राव तहसील के रतिभानपुर गांव में हुए हादसे में अभी तक 121 को लोगों कि मौत हो गई है. बड़ी संख्या में लोग घायल भी हुए हैं,जिन्हे हाथरस और एटा ए अस्पतालों में एडमिट किया गया है. सीएम योगी आज 3 जुलाई को हाथरस पहुंचे और उन्होंने खुद से राहत बचाव कार्य की समीक्षा की.

SDM ने हाथरस (Hathras) के DM को सौंपी अपनी रिपोर्ट में लिखा,

‘हाथरस (Hathras) के गांव फुलेराई में भोले बाबा उर्फ ​​नारायण साकार हरि का सत्संग मंगलवार 2 जुलाई को निर्धारित था। मैं मौके पर मौजूद था। सत्संग में दो लाख से ज्यादा लोग जुटे थे। नारायण साकार हरि भोले बाबा दोपहर 12.30 बजे सत्संग पंडाल में पहुंचे। कार्यक्रम एक घंटे तक चला। इसके बाद दोपहर करीब 01.40 बजे नारायण साकार हरि (भोले बाबा) पंडाल से निकलकर नेशनल हाईवे-91 पर एटा की ओर बढ़ गए। इस दौरान सत्संगी महिलाएं, पुरुष, बच्चे आदि भोले बाबा के चरण छूते और उनकी धूल माथे पर लगाते हुए उस सड़क की ओर आने लगे, जिस पर से गुजर रहे थे। जीटी रोड के किनारे और बीच में डिवाइडर पर पहले से ही बड़ी संख्या में लोग दर्शन के लिए खड़े थे। वे डिवाइडर से कूदकर बाबा के वाहनों के काफिले की ओर दर्शन करने के लिए दौड़ने लगे। ऐसे में बाबा के निजी सुरक्षाकर्मी (ब्लैक कमांडो) और सेवादारों ने भीड़ को पीछे धकेलना शुरू कर दिया। जिससे कुछ लोग नीचे गिर गए. लेकिन तब भी भीड़ नहीं मानी और बाबा की तरफ बढ़ती रही. इससे अफरा-तफरी का माहौल बन गया. अफरा-तफरी के चलते लोग इधर-उधर भागने लगे. इस दौरान लोग सत्संगी पंडाल के पास खेतों की तरफ भागने लगे. लेकिन उस रास्ते पर फिसलन होने की वजह से ज्यादातर लोग फिसल कर गिर गए. भीड़ इतनी उग्र थी कि जो लोग गिरे वो दोबारा उठ नहीं पाए. भीड़ उनके ऊपर इधर-उधर भागने लगी. जिसमें कई महिलाएं और बच्चे बुरी तरह घायल हो गए. प्रशासन और स्थानीय पुलिस ने घटनास्थल पर मौजूद एंबुलेंस और अन्य साधनों के जरिए लोगों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया. इनमें से कई का अभी भी हाथरस, अलीगढ़ समेत नजदीकी अस्पतालों में इलाज चल रहा है.

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