रूस की अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान को चेतावनी: नॉर्थ कोरिया के खिलाफ सैन्य गठबंधन से बचें

Russia-North Korea Alliance: रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने 12 जुलाई 2025 को नॉर्थ कोरिया के वॉनसान में नेता किम जोंग उन से मुलाकात के दौरान अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान को कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने इन देशों से कहा कि नॉर्थ कोरिया को निशाना बनाकर कोई सैन्य या सुरक्षा गठबंधन बनाने से बचें, क्योंकि इससे कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव बढ़ेगा और रूस-नॉर्थ कोरिया की रणनीतिक साझेदारी और मजबूत होगी (Russia Warns US). लावरोव ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का संदेश किम को सौंपा और दोनों देशों के बीच सैन्य, आर्थिक और रणनीतिक सहयोग को और गहरा करने पर चर्चा की।

लावरोव का बयान और नॉर्थ कोरिया का रुख

लावरोव ने नॉर्थ कोरिया के विदेश मंत्री चोए सन-हुई के साथ बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “हम अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान को चेतावनी देते हैं कि वे नॉर्थ कोरिया या रूस के खिलाफ कोई गठजोड़ न बनाएं।” उन्होंने हाल ही में कोरियाई प्रायद्वीप के पास तीनों देशों द्वारा किए गए संयुक्त सैन्य अभ्यास की निंदा की, जिसमें अमेरिकी न्यूक्लियर-सक्षम बॉम्बर शामिल थे (US-South Korea-Japan Military Drills). लावरोव ने नॉर्थ कोरिया के परमाणु हथियार कार्यक्रम का बचाव करते हुए कहा कि यह प्योंगयांग की आत्मरक्षा के लिए जरूरी है और इसके पीछे उनके वैज्ञानिकों की मेहनत है। किम जोंग उन ने रूस के यूक्रेन युद्ध को पूर्ण समर्थन देने की बात दोहराई और कहा कि दोनों देश “सभी रणनीतिक मुद्दों पर एकसमान विचार रखते हैं.

रूस-नॉर्थ कोरिया के बीच बढ़ता सहयोग

यह मुलाकात 2024 में रूस और नॉर्थ कोरिया के बीच हुए “रणनीतिक साझेदारी संधि” की पहली वर्षगांठ के मौके पर हुई। नॉर्थ कोरिया ने पिछले साल से रूस को भारी तोपखाने, बैलिस्टिक मिसाइलें और अन्य सैन्य उपकरणों की आपूर्ति शुरू की है। इसके अलावा, लगभग 11,000 नॉर्थ कोरियाई सैनिक रूस के कुर्स्क क्षेत्र में यूक्रेनी हमले को रोकने में तैनात किए गए थे, और खुफिया जानकारी के अनुसार, 25,000-30,000 अतिरिक्त सैनिक भेजे जाने की योजना है (North Korean Troops in Russia). नॉर्थ कोरिया की सैन्य मदद के बदले रूस उसे आर्थिक और तकनीकी सहायता प्रदान कर रहा है, जिसने दोनों देशों के रिश्तों को नई मजबूती दी है।

पश्चिमी देशों की प्रतिक्रिया और सैन्य अभ्यास

अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान ने नॉर्थ कोरिया के बढ़ते परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों के जवाब में अपने संयुक्त सैन्य अभ्यासों को तेज कर दिया है। शुक्रवार को इन तीनों देशों ने कोरियाई प्रायद्वीप के पास एक हवाई अभ्यास किया, जिसमें अमेरिकी बॉम्बर शामिल थे। नॉर्थ कोरिया इन अभ्यासों को अपने खिलाफ आक्रमण की रिहर्सल मानता है और अपने परमाणु हथियारों को आत्मरक्षा का हथियार बताता है (North Korea Nuclear Program). लावरोव ने इन अभ्यासों को क्षेत्र में सैन्य दबाव बढ़ाने का प्रयास करार दिया और कहा कि रूस नॉर्थ कोरिया के साथ “रणनीतिक और सामरिक सहयोग” को और बढ़ाएगा।

वैश्विक चिंताएं और भविष्य की आशंकाएं

रूस और नॉर्थ कोरिया की गहराती दोस्ती ने पश्चिमी देशों में चिंता बढ़ा दी है। अमेरिका और उसके सहयोगी इस गठबंधन को यूक्रेन युद्ध और पूर्वी एशिया की स्थिरता के लिए खतरा मान रहे हैं। लावरोव ने दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन (ASEAN) की बैठक में भी इस मुद्दे को उठाया और नॉर्थ कोरिया के साथ सहयोग को वैश्विक स्थिरता के लिए जरूरी बताया (Russia ASEAN Meeting). दूसरी ओर, नॉर्थ कोरिया की सैन्य सहायता और रूस की आर्थिक मदद ने दोनों देशों के बीच एक मजबूत साझेदारी को जन्म दिया है, जिसका असर वैश्विक भू-राजनीति पर पड़ सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *