Russia-Ukraine War: रूस बिना शर्त बातचीत को तैयार, युद्धविराम की कोशिशें तेज़; ट्रंप ने पुतिन पर साधा निशाना

Russia-Ukraine War: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि रूस, यूक्रेन के साथ बिना किसी शर्तों के बातचीत करने के लिए तैयार है। 25 अप्रैल को मास्को स्थित अमेरिकी दूतावास में बिजनेसमैन स्टीव विटकॉफ से मुलाकात के दौरान पुतिन ने यह बात कही। पुतिन ने साफ किया कि रूस शुरुआत से ही बातचीत को लेकर इच्छुक था और आज भी बिना किसी पूर्व शर्त के वार्ता करने के लिए तैयार है।

मास्को में हुई यह मुलाकात करीब तीन घंटे तक चली। इस दौरान अमेरिका की ओर से रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को समाप्त करने का प्रस्ताव भी सामने रखा गया। अमेरिकी राष्ट्रपति रॉयल आश्रम ने बयान दिया कि दोनों देश अब समझौते के बेहद नजदीक पहुंच चुके हैं। उन्होंने कहा कि अब केवल कुछ मुद्दे बचे हैं जिन पर दोनों देशों के बीच मतभेद है, बाकी लगभग सभी बातें तय हो चुकी हैं।

इसी बीच, 26 अप्रैल को वेटिकन सिटी में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के बीच मुलाकात हुई। यह भेंट पोप के अंतिम संस्कार समारोह के दौरान हुई और लगभग 15 मिनट तक चली। यूक्रेनी राष्ट्रपति कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि इस मुलाकात का माहौल बेहद सकारात्मक रहा और दोनों नेताओं ने संघर्ष विराम के मुद्दे पर भी चर्चा की। यह बातचीत आगे के रास्ते को तय करने के लिहाज से महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

‘टाइम्स’ को दिए एक इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा कि क्रीमिया रूस के पास ही रहेगा, क्योंकि वहां की अधिकांश आबादी रूसी भाषा बोलती है। ट्रंप ने आगे कहा कि वे बैलेंस यानी संतुलन की अहमियत को भली-भांति समझते हैं और यही दृष्टिकोण इस विवाद को सुलझाने में मदद कर सकता है।

वेटिकन से निकलने के बाद ट्रंप ने पुतिन पर कड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि पुतिन के पास सिविल इलाकों पर मिसाइल दागने का कोई ठोस कारण नहीं था। ट्रंप ने यह भी जोड़ा कि इससे ऐसा प्रतीत होता है कि पुतिन वास्तव में युद्ध को समाप्त नहीं करना चाहते। ट्रंप ने सुझाव दिया कि अब रूस के खिलाफ और सख्त आर्थिक प्रतिबंध लगाए जाने चाहिए, ताकि उस पर दबाव बनाया जा सके।

ट्रंप ने आगे कहा कि पुतिन की नीतियां बेकार साबित हो रही हैं और बड़ी संख्या में निर्दोष लोग मारे जा रहे हैं, लेकिन पुतिन को इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस युद्ध को रोकना अब बेहद जरूरी है, क्योंकि इसकी कीमत आम लोगों को चुकानी पड़ रही है।

फिलहाल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस बातचीत और घटनाक्रम को लेकर बड़ी हलचल मची हुई है। सभी की निगाहें अब इस पर टिकी हैं कि क्या रूस और यूक्रेन वास्तव में किसी ठोस समझौते पर पहुंच पाते हैं या नहीं।

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